•अमर उजाला ब्यूरो
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की शुचिता एक बार फिर से तार-तार हो गई। हाईकोर्ट के आदेश पर चयन बोर्ड की टीजीटी-पीजीटी परीक्षा परिणाम के पुनर्मूल्यांकन के बाद 747 सफल अभ्यर्थी फेल हो गए। चयन बोर्ड के अधिकारियों, अध्यक्ष तथा सदस्यों पर कई परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी के आरोप लगे और जांच में सही पाए गए। इस बार भी यही हुआ। परिणाम में भारी गड़बड़ी के बाद अभ्यर्थी न्यायालय गए और जांच के बाद बड़े पैमाने पर बदलाव हुआ।
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की प्रशिक्षित स्नातक संस्कृत, जीव विज्ञान, गणित, कला, 2009 में विज्ञापित स्नातक कला, 2010 में विज्ञापित प्रवक्ता नागरिक शास्त्र, अर्थशास्त्र विषय की लिखित परीक्षा का हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुनर्मूल्यांकन किया गया। पहले के परिणाम में सफल 747 अभ्यर्थियों को दूसरे परिणाम में फेल घोषित कर दिया गया जबकि 538 ऐसे अभ्यर्थी सफल हुए जो पहले जारी परिणाम में फेल घोषित थे।
चयन बोर्ड के सचिव बंश गोपाल मौर्य की ओर से जारी संशोधित परिणाम में 2009 में घोषित टीजीटी कला के 217 सफल अभ्यर्थी चयन से बाहर हो गए हैं जबकि 62 अभ्यर्थी सफल हुए। टीजीटी संस्कृत में 92 अभ्यर्थी फेल और 88 सफल, टीजीटी जीव विज्ञान में 89 फेल तथा 73 पास हो गए। टीजीटी गणित में 146 अभ्यर्थी फेल तथा 198 पास, टीजीटी कला में 103 तथा 70 पास हो गए हैं। 2010 में विज्ञापित पीजीटी नागरिक शास्त्र में 61 फेल और 12 पास तथा पीजीटी अर्थशास्त्र में 39 फेल और 35 पास घोषित किए गए है
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