Govt. yet to Decide on TET requirment for Urdu BTC in Uttar Pradesh
मुअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों को टीईटी से छूट देने पर भ्रम
जागरण ब्यूरो, लखनऊ : मुअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों को अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) से छूट देने का मामला उलझता जा रहा है। प्रकरण में बेसिक शिक्षा महकमे को न्याय विभाग तीन मौकों पर तीन अलग-अलग राय दे चुका है। मामला सुलझता न देख मुख्य सचिव के निर्देश पर अब विधिक परामर्श के लिए पत्रावली महाधिवक्ता को भेजी गई है। शासन 1997 से पहले के मुअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों तथा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) से डिप्लोमा इन टीचिंग सर्टिफिकेट हासिल करने वाले अभ्यर्थियों को शिक्षकों की नियुक्ति में टीईटी से छूट देने की राह तलाश रहा है। इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग ने जब पहली बार अभिमत मांगा तो न्याय विभाग ने परामर्श दिया कि राज्य सरकार की सुप्रीम कोर्ट में दाखिल विशेष अनुज्ञा याचिका वापस लेने के बाद मुअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों के मामले में हाई कोर्ट का आदेश बाध्यकारी हो जाता है। हाई कोर्ट ने 14 जुलाई 2010 को सरकार को आदेश दिया था कि उर्दू शिक्षकों के पद पर नियुक्ति के लिए मुअल्लिम-ए-उर्दू की उपाधि को बीटीसी (उर्दू) के समकक्ष मान्यता दी जाए।
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