केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने राज्यों से सर्वशिक्षा अभियान के तहत शिक्षकों की नियुक्ति में तेजी लाने का निर्देश जारी किया है। उत्तर प्रदेश को 3,09,910 शिक्षकों की नियुक्ति की सहमति दी जा चुकी है। राज्यों को स्पष्ट हिदायत दी गई है कि अब समय सीमा नहीं बढ़ाई जाएगी। यानी 31 मार्च 2013 तक शिक्षकों की नियुक्ति का कार्य पूरा करना है। इस समय पूरे देश में 13 लाख शिक्षकों की नियुक्ति इसी दौरान होनी है। इससे बीएड तथा बीटीसी जैसे प्रशिक्षण हासिल करने वाले लोगों को शिक्षक बनने का रास्ता खुल जाएगा।
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Friday, 23 November 2012
UP TET-अटकलों के हवाले शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने राज्यों से सर्वशिक्षा अभियान के तहत शिक्षकों की नियुक्ति में तेजी लाने का निर्देश जारी किया है। उत्तर प्रदेश को 3,09,910 शिक्षकों की नियुक्ति की सहमति दी जा चुकी है। राज्यों को स्पष्ट हिदायत दी गई है कि अब समय सीमा नहीं बढ़ाई जाएगी। यानी 31 मार्च 2013 तक शिक्षकों की नियुक्ति का कार्य पूरा करना है। इस समय पूरे देश में 13 लाख शिक्षकों की नियुक्ति इसी दौरान होनी है। इससे बीएड तथा बीटीसी जैसे प्रशिक्षण हासिल करने वाले लोगों को शिक्षक बनने का रास्ता खुल जाएगा।
UPTET : बढ़ा बीएड डिग्रीधारकों का इंतजार
इलाहाबाद। राज्य मंत्रिमंडल की मुहर न लग पाने के कारण बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में बीएड डिग्रीधारकों तथा शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का शिक्षक बनने का इंतजार एक बार फिर आगे बढ़ गया। वित्त विभाग, विधि विभाग ने बेसिक शिक्षा विभाग के 72,825 शिक्षकों की नियुक्ति के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है किन्तु अभी तक मंत्रिमंडल की सहमति नहीं मिली है। ऐसी स्थिति में शिक्षकों की नियुक्ति का मामला एक बार फिर अटकलों के हवाले हो गया है।
हाल ही में उच्च न्यायालय ने उप्र सरकार को शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में विलंब पर फटकार लगाई थी। इसी के साथ सात दिसंबर 2012 तक शिक्षकों की नियुक्ति का विज्ञापन निकालने का निर्देश दिया था। उच्च न्यायालय के निर्देश पर शिक्षा विभाग शिक्षकों की सीधी भर्ती की प्रक्रिया तथा बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 में संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर वित्त तथा विधि विभाग से पत्रावली को मंजूरी हासिल कर लिया। इसी के बाद मंत्रिमंडल में इसकी मंजूरी मिलने के लिए पत्रावली भेजी गई फिलहाल सरकार ने उसे टाल दिया है। अब सारा दारोमदार मुख्यमंत्री की सहमति पर निर्भर है।
Uttar Pradesh Primary Teachers-तीन साल में गृह जनपद जाएंगे सभी शिक्षक
इलाहाबाद : प्रदेश के सभी शिक्षक तीन साल के भीतर मनचाहे जिलों में तबादला पा सकेंगे। यह जानकारी आए बेसिक शिक्षा एवं बालविकास पुष्टाहार मंत्री रामगोविंद चौधरी ने दैनिक जागरण से बातचीत में दी। वह शुक्रवार देर शाम सर्किट हाउस पहुंचे। मंत्री शनिवार को तुलसीपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करने जनपद आए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश की बेसिक शिक्षा व्यवस्था कि स्थिति सुधारने लिए सपा सरकार कृतसंकल्प है। विद्यालयों में पठन-पाठन का माहौल बने इसके लिए बेसिक शिक्षकों को तीन साल के भीतर उनका तबादला इच्छित जनपदों में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि तबादलों और तैनाती में पारदर्शिता बरते जाने के लिए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए शासनादेश का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाएं सही ढंग से क्रियान्वित हों, इसके लिए लगातार प्रयास जारी है। उन्होंने मीडिया से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि वह सभी विद्यालयों में पढ़ाई कराने के लिए कृतसंकल्प हैं। प्रदेश के अध्यापक विद्यालयों में पढ़ाना चाहते हैं, सरकार उन्हें बेहतर माहौल देगी
News Source : Amar Ujala (24.11.12)
Monday, 5 November 2012
B.Ed. Entrance Exam 2013
बीएड प्रवेश परीक्षा 2013 कराएगा गोरखपुर विवि
जागरण ब्यूरो, लखनऊ : शैक्षिक सत्र 2013-14 में बीएड में प्रवेश के लिए आयोजित की जाने वाली राज्य स्तरीय संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा 2013 के आयोजन की जिम्मेदारी दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय को सौंपी गई है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उच्च शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर परीक्षा के आयोजन का जिम्मा गोरखपुर विवि को सौंपने का आदेश दिया है। परीक्षा के आयोजन के लिए दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विवि, चौधरी चरण सिंह विवि मेरठ, बुंदेलखंड विवि झांसी व काशी विद्यापीठ वाराणसी के नाम प्रस्तावित थे।
Source - Jagran
5-11-2012
जागरण ब्यूरो, लखनऊ : शैक्षिक सत्र 2013-14 में बीएड में प्रवेश के लिए आयोजित की जाने वाली राज्य स्तरीय संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा 2013 के आयोजन की जिम्मेदारी दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय को सौंपी गई है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उच्च शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर परीक्षा के आयोजन का जिम्मा गोरखपुर विवि को सौंपने का आदेश दिया है। परीक्षा के आयोजन के लिए दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विवि, चौधरी चरण सिंह विवि मेरठ, बुंदेलखंड विवि झांसी व काशी विद्यापीठ वाराणसी के नाम प्रस्तावित थे।
Source - Jagran
5-11-2012
Sunday, 4 November 2012
BTC 2010
9:23 pm
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BTC/UPTET : परीक्षा परिणाम घोषित करने की उठी आवाज
मऊ : बीटीसी 2010 बैच की परीक्षा का परिणाम घोषित करने को लेकर डायट के प्रशिक्षणार्थियों ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। इस दौरान जिलाधिकारी को पत्रक सौंपकर 12 नवंबर तक परीक्षा परिणाम घोषित करने की मांग की। उन्हें इस दिशा में सार्थक कदम उठाने का आश्वासन मिला।
बीटीसी अंतिम सेमेस्टर के प्रशिक्षु विनय सिंह व अमित सिंह ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा सहायक अध्यापक की नियुक्ति हेतु विज्ञापन प्रकाशित किया गया है। बीटीसी 2010 का परीक्षा परिणाम न आने की स्थिति में विज्ञापित 9600 पदों में आधे से अधिक पद रिक्त रहने की संभावना है। वे प्रशिक्षण पूरा करने के साथ अध्यापक पात्रता परीक्षा भी उत्तीर्ण कर चुके हैं। परीक्षा परिणाम 12 नवंबर तक आ जाता है तो वे भी इस नियुक्ति के लिए पात्र होते। इसलिए परिणाम घोषित किया जाय अन्यथा नियुक्ति हेतु विज्ञापन की तिथि बढ़ाई जाय। ज्ञापन सौंपने वालों में रश्मि राय, पूजा शाही, नूसरत जहां, वंदना विश्वकर्मा, पूनम मौर्या, अनीता यादव, रेखा सिंह, इंद्रजीत, मनोज, रजनीकांत, अरूण मौर्य, सतेंद्र, जितेंद्र, धीरज मौर्य आदि शामिल थे।
News Source : Jagran
ऑन लाइन आवेदन की तिथि बढ़ाने की मांग
इलाहाबाद। बीटीसी 2010 बैच के प्रशिक्षुओं ने उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित विद्यालयों में खाली शिक्षकों के पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन की तिथि 20 नवंबर से आगे बढ़ाने की मांग की है। बीटीसी 2010 के प्रशिक्षुओं का कहना है कि उनका परीक्षा परिणाम लंबित होने के कारण आवेदन भर्ती प्रक्रिया वह वंचित हो जाएंगे। ऐसे में प्रदेश सरकार बीटीसी 2010 का रिजल्ट जारी होने तक आवेदन की तिथि बढ़ाए।
VBTC Selection Procedure
5:56 am
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UPTET - बीएड डिग्रीधारक बनेंगे प्रशिक्षु शिक्षक
जागरण ब्यूरो, लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के 72,825 रिक्त पदों पर अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों को चयन के बाद पहले प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त किया जाएगा। प्रशिक्षु शिक्षक के रूप में उन्हें 7300 रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की मंशा के अनुसार प्रशिक्षु शिक्षक जैसे प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में छह महीने की ट्रेनिंग पूरी करते जाएंगे, वैसे-वैसे उन्हें स्थायी शिक्षक की मौलिक नियुक्ति दी जाती रहेगी। मौलिक नियुक्ति होने पर उन्हें स्थायी शिक्षक का वेतनमान मिलने लगेगा।
बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी की अध्यक्षता में गुरुवार को विभाग के आला अधिकारियों की बैठक में इस पर सहमति बनी। प्रदेश में पहली बार प्रस्तावित इस व्यवस्था को अमली जामा पहनाने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन करके परिषदीय स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त करने और ट्रेनिंग के बाद उन्हें मौलिक नियुक्ति देने का प्राविधान जोड़ा जाएगा। यह भी तय हुआ है कि टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों का प्रशिक्षु शिक्षक के तौर पर चयन करने के लिए अभ्यर्थियों के हाईस्कूल के प्राप्तांक प्रतिशत के 10, इंटरमीडिएट के 20, स्नातक के 40 व बीएड के 30 प्रतिशत अंकों को जोड़कर मेरिट तैयार की जाएगी। इसके आधार पर ही चयनित अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग का क्रम तय किया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग की मंशा है कि इस व्यवस्था को लागू करने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में नवंबर के अंत तक संशोधन किया जाए। फिर दिसंबर से टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारक अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये जाएंगे। इससे पहले यह तय हुआ था कि 72,825 पदों पर भर्ती के लिए टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों का मेरिट के आधार पर चयन कर पहले उन्हें छह महीने का विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण दिया जाएगा। विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उन्हें नियुक्ति दी जाएगी। यह भी तय हुआ था कि चयन की जो मेरिट बनेगी उसमें अभ्यर्थियों द्वारा हाईस्कूल में प्राप्तांक प्रतिशत के 10, इंटरमीडिएट के 20 व स्नातक के 40 प्रतिशत अंकों को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, यदि अभ्यर्थी को बीएडके थ्योरी और प्रैक्टिकल में प्रथम श्रेणी प्राप्त हुई है तो उसे प्रत्येक के लिए 12-12, द्वितीय श्रेणी के लिए 6-6 और तृतीय श्रेणी के लिए 3-3 अंक मिलेंगे। मेरिट निर्धारण में बीएड के अंकों को लेकर सवाल उठाये जा रहे थे। कहा जा रहा था कि श्रेणियों के आधार पर मनमाने तरीके से अंक तय करना उचित नहीं है।
विभाग को शिक्षकों की भर्ती में नयी व्यवस्था लागू करने के बारे में इसलिए सोचना पड़ा क्योंकि एनसीटीई ने बीएड डिग्रीधारकों को शिक्षक नियुक्त करने के लिए 31 मार्च 2014 तक का समय दिया है। यदि अभ्यर्थियों का पहले विशिष्ट बीटीसी ट्रेनिंग के लिए चयन करने के बाद उन्हें नियुक्ति दी जाती तो प्रदेश में एक बैच में अधिकतम 20,000 अभ्यर्थियों को ही ट्रेनिंग देने की क्षमता है। चार बैच को ट्रेनिंग देने में कम से कम दो वर्ष का समय लगता और तब तक स्वीकृत समयसीमा बीत जाती। समय बीतने के बाद शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाती। दूसरा, जो नयी व्यवस्था सोची गई है, उसमें मेरिट निर्धारण में बीएड के अंकों को लेकर उठायी जा रही आपत्ति भी दूर हो सकेगी।
Source - Jagran
2-11-2012
बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी की अध्यक्षता में गुरुवार को विभाग के आला अधिकारियों की बैठक में इस पर सहमति बनी। प्रदेश में पहली बार प्रस्तावित इस व्यवस्था को अमली जामा पहनाने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन करके परिषदीय स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त करने और ट्रेनिंग के बाद उन्हें मौलिक नियुक्ति देने का प्राविधान जोड़ा जाएगा। यह भी तय हुआ है कि टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों का प्रशिक्षु शिक्षक के तौर पर चयन करने के लिए अभ्यर्थियों के हाईस्कूल के प्राप्तांक प्रतिशत के 10, इंटरमीडिएट के 20, स्नातक के 40 व बीएड के 30 प्रतिशत अंकों को जोड़कर मेरिट तैयार की जाएगी। इसके आधार पर ही चयनित अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग का क्रम तय किया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग की मंशा है कि इस व्यवस्था को लागू करने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में नवंबर के अंत तक संशोधन किया जाए। फिर दिसंबर से टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारक अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये जाएंगे। इससे पहले यह तय हुआ था कि 72,825 पदों पर भर्ती के लिए टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों का मेरिट के आधार पर चयन कर पहले उन्हें छह महीने का विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण दिया जाएगा। विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उन्हें नियुक्ति दी जाएगी। यह भी तय हुआ था कि चयन की जो मेरिट बनेगी उसमें अभ्यर्थियों द्वारा हाईस्कूल में प्राप्तांक प्रतिशत के 10, इंटरमीडिएट के 20 व स्नातक के 40 प्रतिशत अंकों को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, यदि अभ्यर्थी को बीएडके थ्योरी और प्रैक्टिकल में प्रथम श्रेणी प्राप्त हुई है तो उसे प्रत्येक के लिए 12-12, द्वितीय श्रेणी के लिए 6-6 और तृतीय श्रेणी के लिए 3-3 अंक मिलेंगे। मेरिट निर्धारण में बीएड के अंकों को लेकर सवाल उठाये जा रहे थे। कहा जा रहा था कि श्रेणियों के आधार पर मनमाने तरीके से अंक तय करना उचित नहीं है।
विभाग को शिक्षकों की भर्ती में नयी व्यवस्था लागू करने के बारे में इसलिए सोचना पड़ा क्योंकि एनसीटीई ने बीएड डिग्रीधारकों को शिक्षक नियुक्त करने के लिए 31 मार्च 2014 तक का समय दिया है। यदि अभ्यर्थियों का पहले विशिष्ट बीटीसी ट्रेनिंग के लिए चयन करने के बाद उन्हें नियुक्ति दी जाती तो प्रदेश में एक बैच में अधिकतम 20,000 अभ्यर्थियों को ही ट्रेनिंग देने की क्षमता है। चार बैच को ट्रेनिंग देने में कम से कम दो वर्ष का समय लगता और तब तक स्वीकृत समयसीमा बीत जाती। समय बीतने के बाद शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाती। दूसरा, जो नयी व्यवस्था सोची गई है, उसमें मेरिट निर्धारण में बीएड के अंकों को लेकर उठायी जा रही आपत्ति भी दूर हो सकेगी।
Source - Jagran
2-11-2012
Selection Procedure for VBTC in UP
5:42 am
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UPTET - बेसिक शिक्षा मंत्री की अगुवाई में निर्णय, अब प्राइमरी शिक्षकों की होगी सीधी भर्ती
•अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की अब सीधी भर्ती की जाएगी इसलिए विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया 2012 स्थगित कर दी गई है। अब इसके लिए अध्यापक सेवा नियमावली के नियम 14 में शिक्षकों की सीधी भर्ती का प्रावधान किया जाएगा। बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को हुई बैठक में यह निर्णय किया गया। राज्य सरकार के इस निर्णय के बाद प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया फिलहाल कुछ माह के लिए लटक सकती है।
बैठक में तय किया गया कि विशिष्ट बीटीसी के स्थान पर पहले टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों प्रशिक्षु शिक्षक रखा जाएगा। इसके लिए गुणांक के आधार पर मेरिट का निर्धारण करते हुए प्रशिक्षु शिक्षकों का चयन किया जाएगा। इसमें हाईस्कूल का 10 प्रतिशत, इंटरमीडिएट का 20, स्नातक 40 और बीएड का 30 प्रतिशत अंक जोड़ते हुए मेरिट बनाई जाएगी। चयनित प्रशिक्षु शिक्षकों को बाद में छह माह की विशिष्ट बीटीसी की ट्रेनिंग लेनी होगी। ट्रेंड शिक्षक होने से पहले उन्हें 7300 रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। प्रशिक्षु शिक्षकों को नियुक्ति देने से पहले अध्यापक सेवा नियमावली के नियम- 14 में इसका प्रावधान किया जाएगा। इसके लिए बेसिक शिक्षा निदेशालय से नवंबर में प्रस्ताव प्राप्त कर दिसंबर में ऑनलाइन आवेदन लेने पर सहमति बनी है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के साथ राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने देश के सभी राज्यों को बीएड डिग्रीधारकों को सहायक अध्यापक पद पर सीधी भर्ती की अनुमति दी थी। इसके लिए शर्त रखी गई कि शिक्षकों की भर्ती 1 जनवरी 2012 तक की जाएगी और इसके लिए टीईटी पास ही पात्र होंगे। यूपी में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए नवंबर 2011 में प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन टीईटी में गड़बड़ी के चलते भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी।
Source - Amar Ujala
2-11-2012
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