Thursday, 6 December 2012

UPTET : 72 हजार शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन कल-9 से लिए जाएंगे ऑनलाइन आवेदन


लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 72 हजार 825 प्रशिक्षु शिक्षकों की सीधी भर्ती प्रक्रिया 7 दिसंबर से शुरू कर 31 मार्च 2013 तक पूरी करली जाएगी। भर्ती के लिए विज्ञापन 7 दिसंबर को प्रदेश के सभी जिलों में एक साथ प्रकाशित होंगे और 9 दिसंबर से आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। आवेदन लेने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है। आवेदन ऑनलाइन लिए जाएंगे और इसके वेबसाइट की सूचना भर्ती के लिए प्रकाशित होने वाले विज्ञापन के साथ दी जाएगी। शिक्षक बनने के लिए 21 से 40 वर्ष की उम्र वाले पात्र होंगे। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को पांच वर्ष और विकलांगों को आयु सीमा में 10 वर्ष की छूट दी जाएगी। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुशील कुमार ने इस संबंध में बुधवार को शासनादेश जारी कर दिया है।
प्रशिक्षु शिक्षक बनने के लिए स्नातक, बीएड के साथ कक्षा 1 से 5 तक के लिए आयोजित टीईटी व सीटीईटी पास करने वाले पात्र होंगे। इसके लिए टीईटी में 60 फीसदी अंक पाना अनिवार्य होगा। अनुसूचित जाति, जनजाति, विकलांग तथा पिछड़ा वर्ग के लिए 55 प्रतिशत अंक पाना अनिवार्य होगा। उत्तर प्रदेशमें लगातार पांच वर्षों से निवास करने वाले ही आवेदन के लिए पात्र होंगे। आवेदक को काउंसलिंग के दौरान चयन समिति के समक्ष निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा जो आवेदन की तिथि से पहले बना हुआ हो।
आवेदक को एनआईसी द्वारा तैयार वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। जिलेवार आवेदन मांगे जाएंगे और इसके लिए प्रकाशित होने वाले विज्ञापन में ही पदों का ब्यौरा दिया जाएगा। सामान्य व पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों से 500 और अनुसूचित जाति, जनजाति के आवेदकों को 200 रुपये शुल्क देना होगा। विकलांगों के लिए कोई शुल्क देय नहीं होगा।
जिला स्तर पर बनेगी चयन समिति
भर्ती के लिए जिला स्तर पर संबंधित जिले के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य की अध्यक्षता में चयन समिति बनाई जाएगी। संबंधित जिले का बीएसए सदस्य सचिव होगा। राजकीय इंटर कॉलेज का वरिष्ठतम प्रधानाचार्य व जिलाधिकारी द्वारा नामित भाषा विशेषज्ञ इसके सदस्य होंगे। चयनित प्रशिक्षु शिक्षकों को प्रशिक्षित होने तक 7300 रुपये नियत वेतनमान दिया जाएगा। प्रशिक्षु शिक्षकों को सफलतापूर्वक ट्रेनिंग प्राप्त करने के बाद सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति दीजाएगी।
आवेदन ऐसे करें
आवेदन करने से पहले भारतीय स्टेट बैंक से सचिव उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद के नाम से ई-चालान बनवाना होगा। निर्धारित शुल्क जमा करने के दो बैंकिंगकार्यदिवस के बाद ऑनलाइन आवेदन किए जा सकेंगे। ई-आवेदनपत्र भरने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसमें जो सूचनाएं अंकित की जाएंगी, उसमें विभिन्न परीक्षाओं के अंकों का उल्लेख करना होगा। आरक्षण, विशेष आरक्षण का दावा चयन समिति के समक्ष काउंसलिंग के दौरान करना होगा।
भर्ती प्रक्रिया में कब-क्या
गुणांक के आधार पर बनेगी मेरिट
हाईस्कूल 10 प्रतिशत, इंटरमीडिएट 20, स्नातक 40 औरबीएड के 30 प्रतिशत को गुणांक मानते हुए मेरिट का निर्धारण किया जाएगा।
•टीईटी-सीटीईटी पास बीएड डिग्री धारक ही होंगे पात्र
•शासनादेश जारी, चार माह में पूरी होगी चयन प्रक्रिया
•आवेदन की अंतिम तिथि 31 दिसंबर
•ऑनलाइन ई-चालान जमा होंगे 7 दिसंबर से
•ऑनलाइन ई-आवेदन जमा होंगेचालान जमा होने के दो दिन बाद से
•आवेदन भरने की अंतिम तिथि 31दिसंबर
•मेरिट लिस्ट का प्रकाशन वेबसाइट पर15 जनवरी 2013
•चयनित अभ्यर्थियों की काउंसलिंग 21 जनवरी से
•प्रमाण पत्रों का सत्यापन एवं मेडिकल 30 दिन के अंदर
•चयनितों को तैनातीप्रमाण पत्र सत्यापन और मेडिकल के दो दिन बाद

UPTET 2011 : रद्दी हुए 77,688 आवेदन, अब होंगे ऑनलाइन


इटावा, कार्यालय प्रतिनिधि : सहायक अध्यापकों की भर्ती का रास्ता खुलने के साथ ही ऑनलाइन आवेदन की नीति तय की गयी है। इससे पिछले वर्ष डाइट पर जमा हुए 77,688 आवेदन पत्र रद्दी की टोकरी में पहुंच जाएंगे। जिले के 500 रिक्त पदों के लिए इतनी बड़ी संख्या में टीईटी परीक्षा पास आवेदकों द्वारा किए गए आवेदनों ने डाइट प्रशासन का पसीना छुड़ा दिया था। इनकी फीडिंग में ही कई माह लगे और सारी कवायद बेकार गयी।

डाइट को प्राप्त हुए 77,688 आवेदनों से करीब 6200 आवेदनों के साथ लगभग 20 लाख रुपये के ड्राफ्ट भी मिले। यह राशि डाइट के खाते में जमा है और इसमें से कुछ राशि नियमानुसार मेंटीनेंस में व्यय हो चुकी है। जमा राशि को संबंधित आवेदकों को वापस किए जाने के संबंध में निर्देश का इंतजार है। अब नए सिरे से ऑनलाइन आवेदन किए जाएंगे और 7 दिसंबर को विभाग द्वारा विज्ञापन निकाले जाने की संभावना है। विभाग को इसी दिन हाईकोर्ट में जवाब भी दाखिल करना है। बेसिक शिक्षा परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया से लाखों शिक्षित बेरोजगारों की उम्मीदें एक वर्ष से जुड़ी हैं। 30 नवंबर 2011 को शासन ने विज्ञापन निकाल कर प्रदेश भर में सहायक अध्यापकों के 72,825 रिक्त पदों के लिए टीईटी पास अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे थे। पहले आवेदकों को सिर्फ 5 जिलों में आवेदन करने की छूट दी गयी थी। कोर्ट के आदेश के बाद 23 दिसंबर 2011 को संशोधित विज्ञप्ति प्रकाशित की गयी जिसमें आवेदकों को सभी डाइटों में आवेदन की छूट मिली। इस संशोधित विज्ञप्ति के तहत 9 जनवरी 2012 तक आवेदन स्वीकार किए गए।

सभी जिलों में आवेदन करने की छूट का व्यापक असर रहा। आवेदकों को यह सहूलियत भी दी गयी कि वह सिर्फ किसी एक जिले में शुल्क के रूप में ड्राफ्ट लगाएं। बाकी जिलों में महज आवेदन भेज दें। इसका नतीजा यह रहा कि इस छूट से पूर्व जहां जिले के कुल 500 रिक्त पदों के लिए महज करीब 9 हजार आवेदन प्राप्त हुए थे, इस छूट के बाद आवेदनों की बाढ़ सी आ गयी। अंतिम तिथि तक डाइट में 77,688 आवेदन प्राप्त हुए।

डाइट कर्मियों की मानें तो इतने फार्म पहले कभी किसी रिक्त पदों की भर्ती में नहीं आए। इन आवेदन पत्रों के साथ करीब 6200 ड्राफ्ट भी मिले। सामान्य व ओबीसी श्रेणी के लिए 500 रुपये और एससी व एसटी के लिए 200 रुपये निर्धारित शुल्क के तौर पर पर करीब 20 लाख रुपये ड्राफ्टों के जरिए प्राप्त हुए।

लेकिन भर्ती हो पाती इससे पहले अध्यापक पात्रता परीक्षा के रिजल्ट में धांधली का आरोप लगा और इसकी वैधता पर सवाल उठने लगे। सरकार ने इसकी वैधता पर निर्णय लेने में चार महीने लगा दिए। सितंबर में केंद्र से जब बीएड धारकों की भर्ती करने की अनुमति मिली तो विभाग पहले भर्ती या फिर पहले प्रशिक्षण के मुद्दे पर अटका रहा। अंतत: विभाग ने आगे के लिए भी बीएड धारकों की भर्ती की अड़चन से निपटने के लिए सेवा नियमावली में संशोधन करने का निर्णय लिया। संशोधन के बाद टीईटी उत्तीर्ण बीएडधारी सीधे प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती किए जाएंगे और इन्हें 6 माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

Wednesday, 5 December 2012

जूनियर हाईस्कूलों में भी नियुक्त हो सकेंगे बीएड डिग्रीधारक


बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित जूनियर हाईस्कूलों में गणित और विज्ञान शिक्षकों के 50 प्रतिशत सीधी भर्ती के पदों और अन्य विषयों में पदोन्नति के लिए उपयुक्त अभ्यर्थी न मिलने पर उन पर भी सीधी भर्ती के जरिये टीईटी/सीटीईटी उत्तीर्ण बीएड/ बीएड (विशेष शिक्षा)/ डीएड (विशेष शिक्षा) डिग्रीधारक नियुक्त किये जा सकेंगे। कैबिनेट ने इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली 1981 में संशोधन कर दिया है।

UPTET : 72,825 पदों पर प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ


लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के 72,825 रिक्त पदों पर भर्ती को लेकर जारी गतिरोध और असमंजस खत्म हो गया है। इन पदों पर राज्य व केंद्र सरकार द्वारा आयोजित अध्यापक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण बीएड/बीएड (विशेष शिक्षा)/डीएड (विशेष शिक्षा) डिग्रीधारकों का चयन कर उन्हें प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त करने का रास्ता साफ हो गया है। प्रशिक्षु शिक्षक के रूप में उन्हें 7300 रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की मंशा के अनुसार प्रशिक्षु शिक्षक जैसे-जैसे प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में छह महीने की ट्रेनिंग पूरी करते जाएंगे, वैसे-वैसे उन्हें स्थायी शिक्षक की नियुक्ति दी जाती रहेगी। स्थायी नियुक्ति पर उन्हें स्थायी शिक्षक का वेतनमान मिलने लगेगा।

प्रदेश में पहली बार होने वाली प्रशिक्षु शिक्षकों की नियुक्ति के लिए मंगलवार को कैबिनेट ने उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। संशोधन के तहत परिषदीय स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती करने और ट्रेनिंग के बाद उन्हें सहायक अध्यापक की नियुक्ति देने का प्रावधान जोड़ा गया है। तय हुआ है कि टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों का प्रशिक्षु शिक्षक के तौर पर चयन करने के लिए अभ्यर्थियों के हाईस्कूल प्राप्तांक प्रतिशत के 10, इंटरमीडिएट के 20, स्नातक के 40 और बीएड के 30 प्रतिशत अंकों को जोड़कर मेरिट तैयार की जाएगी। मेरिट के आधार पर चयनित अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग का क्रम तय किया जाएगा। इस संबंध में बुधवार को शासनादेश जारी होने की संभावना है। शासन की मंशा है कि प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के लिए सात दिसंबर को विज्ञापन प्रकाशित कर चयन प्रक्रिया 31 मार्च 2012 तक पूरी कर ली जाए।

Thursday, 29 November 2012

शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन जल्द : चौधरी


इलाहाबाद । इलाहाबाद डिग्री कालेज के छात्रसंघ भवन के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविन्द चौधरी ने कहा कि जल्द ही 72 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला जाएगा। श्री चौधरी ने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति मार्च तक पूरी कर ली जाएगी। समारोह में भारतीय राजनीति में छात्रसंघों की प्रासंगिकता विषय पर श्री चौधरी ने कहा कि छात्रसंघ राजनीति की नर्सरी है। इसके बगैर पार्टियों की राजनीति पर नियंतण्रनहीं किया जा सकता।

वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षकों को पक्‍की नौकरी



• अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। वित्तविहीन माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों के विनियमितीकरण और वित्त विहीन कॉलेजों को अनुदान सूची में जल्द ही शामिल किया जा सकता है। सहकारिता मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने इस संबंध में मुख्यमंत्री से बात कर जल्द कार्यवाही कराने का शिक्षकों को आश्वासन दिया है।
शिक्षक नेता स्वर्गीय पंचानन राय के जन्म दिन पर पंचानन राय फैंस एसोसिएशन की ओर से आयोजित गोष्ठी एवं शिक्षक सम्मान समारोह में सहकारिता मंत्री ने कहा कि सपा ने शिक्षकों के विनियमितीकरण और अनुदान सूची पर लेने का चुनाव पूर्व वादा किया था। सरकार वादे को भूली नहीं है। उन्होंने कहा कि जरूरत होगी तो इसके लिए संसाधन जुटाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि समाज को दिशा देने वाले शिक्षकों ने पिछली सरकार के पांच साल के कार्यकाल में बहुत अपमान झेला। समाजवादी सरकारशिक्षकों के सम्मान का पूरा ख्याल रखेगी और उनकी मांगों को बहुत जल्द पूरा किया जाएगा।
शिक्षा के गुणवत्ता पर जताई चिंता ः गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए इलाहाबाद के सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह ने प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता पर चिंता जताई। उन्होंने प्रदेश सरकार से केंद्र सरकार के जवाहर नवोदय विद्यालय की तर्ज पर डॉ. राम मनोहर लोहिया या लोकनायक राजनारायण के नाम पर गुणवत्ता सुनिश्चित करने वाले सरकारी स्कूल खोले जाने की मांग उठाई।

बिना पाठ्य सामग्री के हो रहा प्रशिक्षण


संवाद सूत्र, लखनऊ : शिक्षामित्रों को दिए जा रहे प्रशिक्षण की बदरंग सच्चाई यह है कि अभी तक उन्हें पाठ्य सामग्री ही नहीं मिली है। दूसरे बैच का प्रशिक्षण शुरू हुए ठीक-ठाक समय बीत गया है, लेकिन अभी तक पढ़ने के लिए उनके पास कुछ भी नहीं है। ऐसे में जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) से मिल रहे प्रशिक्षण की गुणवत्ता आसानी से समझी जा सकती है। शिक्षामित्रों को प्रशिक्षण के उपरांत शिक्षकों के तौर पर उच्चीकृत करने की योजना के तहत शिक्षामित्रों को जिले के सभी ब्लॉक रीसोर्स सेंटरों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस साल से दूसरे बैच का प्रशिक्षण हो रहा है, जिसमें 1200 से अधिक शिक्षामित्र शामिल हैं। आसानी से समझा जा सकता है कि बिना पाठ्य सामग्री के हो रहे प्रशिक्षण से शिक्षामित्रों को किस प्रकार उच्चीकृत किया जा रहा होगा। इससे प्रशिक्षुओं में रोष भी है। जानकारी के मुताबिक अभी तक माल, बख्शी का तालाब, चिनहट और काकोरी बीआरसी पर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे शिक्षामित्रों को कोई भी पाठ्य सामग्री नहीं मिली है। इससे कुल मिलाकर प्रशिक्षण महज कागजों पर दिया जा रहा है। प्रशिक्षुओं की समस्या यह है कि दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से मिल रहे प्रशिक्षण में बिना पाठ्य सामग्री के कैसे परीक्षाएं पास की जाएंगी।

Tuesday, 27 November 2012

CBSE-नौवीं के अंक दसवीं में दिलाएंगे फायदा



रोहित मिश्र, लखनऊ केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के कक्षा नौ व 11 के विद्यार्थियों को परंपरागत बोर्ड परीक्षा के अतिरिक्त इस साल Problem Solving Assessment (PSA) की परीक्षा देनी होगी। परीक्षा 14 फरवरी को होगी। नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों को इसका लाभ दसवीं में मिलेगा। इसमें मिले अंक दसवीं में जुड़ेंगे। रट कर परीक्षा देने वालों के लिए सीबीएसई में मुश्किलें अब और बढ़ गई हैं। विषयों की तह में जाकर पाठ्यक्रम के गुणात्मक मूल्यांकन की प्रक्रिया सीबीएसई ने लागू कर दी है। इस साल जहां कक्षा दस और बारह के विद्यार्थियों के लिए वेल्यू बेस्ड एसेसमेंट लागू किया गया है, वहीं कक्षा नौ और 11 के विद्यार्थियों के लिए प्रॉब्लम सॉल्विंग एसेसमेंट लागू किया गया है। कक्षा 11 के लिए गणित और विज्ञान के अतिरिक्त हिंदी या अंग्रेजी विषयों की परीक्षा होगी। कक्षा नौ के विद्यार्थियों को सभी विषयों के लिए पीएसए देना होगा। वैकल्पिक प्रश्न होंगे : सीबीएसई के जिला समन्वयक जावेद आलम ने बताया कि परीक्षाओं में 90 अंक के लिए विद्यार्थियों को साठ वैकल्पिक प्रश्नों के उत्तर देने होंगे। इसमें क्वालिटेटिव रीजनिंग (गणित और विज्ञान) से 18 प्रश्न, क्वांटेटिव रीजनिंग (कला वर्ग के विषयों) से 18 प्रश्न और भाषा के विषयों से 24 प्रश्न होंगे। नहीं होगा पंजीकरण : पीएसए की परीक्षाओं के लिए विद्यार्थियों को कोई पंजीकरण नहीं कराना होगा। यह इम्तिहान कक्षा नौ और 11 के सभी विद्यार्थियों को देना होगा। प्रश्नपत्र और उत्तर के लिए ओएमआर शीट बोर्ड द्वारा विद्यालयों को उपलब्ध कराई जाएगी। एफए-4 में दिखाई देंगे अंक : नौवीं कक्षा में पीएसए के तहत मिले अंक दसवीं के अंकपत्र में एफए-4 (फॉर्मेटिव एसेसमेंट-4) में दिखाए जाएंगे। वहीं 11वीं के विद्यार्थियों को पीएसए में मिले अंकों के लिए प्रमाणपत्र दिया जाएगा

पास अभ्यर्थी हो गए फेल


•अमर उजाला ब्यूरो
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की शुचिता एक बार फिर से तार-तार हो गई। हाईकोर्ट के आदेश पर चयन बोर्ड की टीजीटी-पीजीटी परीक्षा परिणाम के पुनर्मूल्यांकन के बाद 747 सफल अभ्यर्थी फेल हो गए। चयन बोर्ड के अधिकारियों, अध्यक्ष तथा सदस्यों पर कई परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी के आरोप लगे और जांच में सही पाए गए। इस बार भी यही हुआ। परिणाम में भारी गड़बड़ी के बाद अभ्यर्थी न्यायालय गए और जांच के बाद बड़े पैमाने पर बदलाव हुआ।
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की प्रशिक्षित स्नातक संस्कृत, जीव विज्ञान, गणित, कला, 2009 में विज्ञापित स्नातक कला, 2010 में विज्ञापित प्रवक्ता नागरिक शास्त्र, अर्थशास्त्र विषय की लिखित परीक्षा का हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुनर्मूल्यांकन किया गया। पहले के परिणाम में सफल 747 अभ्यर्थियों को दूसरे परिणाम में फेल घोषित कर दिया गया जबकि 538 ऐसे अभ्यर्थी सफल हुए जो पहले जारी परिणाम में फेल घोषित थे।
चयन बोर्ड के सचिव बंश गोपाल मौर्य की ओर से जारी संशोधित परिणाम में 2009 में घोषित टीजीटी कला के 217 सफल अभ्यर्थी चयन से बाहर हो गए हैं जबकि 62 अभ्यर्थी सफल हुए। टीजीटी संस्कृत में 92 अभ्यर्थी फेल और 88 सफल, टीजीटी जीव विज्ञान में 89 फेल तथा 73 पास हो गए। टीजीटी गणित में 146 अभ्यर्थी फेल तथा 198 पास, टीजीटी कला में 103 तथा 70 पास हो गए हैं। 2010 में विज्ञापित पीजीटी नागरिक शास्त्र में 61 फेल और 12 पास तथा पीजीटी अर्थशास्त्र में 39 फेल और 35 पास घोषित किए गए है