Showing posts with label uptet. Show all posts
Showing posts with label uptet. Show all posts

Monday 26 November 2012

टीईटी के करोड़ों रुपये का नहीं मिल रहा हिसाब


• अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी)-2011 के पैसों का हिसाब नहीं मिल पा रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग पिछले तीन महीनों से लगातार पत्राचार कर रहा है कि टीईटी फार्म भरने वालों से मिले पैसे का हिसाब कर दिया जाए। यह बताया जाए कि परीक्षा कराने पर कितने खर्च हुए और अभी कितना बचा हुआ है, लेकिन माध्यमिक शिक्षा विभाग है कि हिसाब देने को तैयार नहीं है।
यूपी में वर्ष 2011 में पहली बार टीईटी आयोजित कराई गई थी। बेसिक शिक्षा विभाग से आयोजित होने वाली परीक्षा माध्यमिक शिक्षा विभाग को सौंप दी गई थी। उस समय टीईटी के लिए करीब 14 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए। सामान्य और पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों से 500 और अनुसूचित जाति व जनजाति से 250 रुपये परीक्षा शुल्क लिया गया। माध्यमिक शिक्षा विभाग को इससे करीब 16 कराड़ रुपये की आय हुई। जानकारों का कहना है कि परीक्षा कराने के लिए प्रत्येक मंडलों को 30 से 32 लाख रुपये दिए गए। इस हिसाब से इसके आयोजन पर करीब 5 करोड़ 75 लाख रुपये के आसपास खर्च हुआ।
इसके अलावा परीक्षा का रिजल्ट तैयार करने वाली कंप्यूटर कंपनी को करीब 5 करोड़ रुपये दिए जाने की बात प्रकाश में आई है। अन्य पैसे कहां गए इसका पता नहीं चल रहा है। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारी चुप्पी साधे हुए है। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार ने माध्यमिक शिक्षा विभाग को सितंबर 2012 में पहला पत्र लिखा कि टीईटी के आयोजन की जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी को सौंप दी गई है। इसलिए टीईटी 2011 के आयोजन के बाद जो पैसा बचा है, उसे परीक्षा नियामक प्राधिकारी को सौंप दिया जाए। प्रमुख सचिव के इस पत्र के बाद भी टीईटी के पैसों का हिसाब नहीं दिया जा रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस संबंध में पुन: माध्यमिक शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है कि पैसा वापस कर दिया जाए।

टी इ टी अभ्यर्थियों को पुलिस ने खदेड़ा


अमर उजाला ब्यूरो
इलाहाबाद। 72825 पदों पर सहायक अध्यापकों की भर्ती न किए जाने के विरोध में टीईटी पास अभ्यर्थियों ने सोमवार को सुभाष चौराहे पर मुख्यमंत्री का पुतला फूंका। अभ्यर्थियों की भीड़ देख वहां पहुंची पुलिस ने उन्हें खदेड़ लिया। लाठियां पटकने से वहां भगदड़ मच गई। अभ्यर्थियों ने आजाद पार्क में भी जमकर नारेबाजी की और निर्णय लिया कि वे 29 नवंबर को विधानसभा भवन का घेराव करेंगे। अभ्यर्थियों की मांग है कि जल्द से जल्द भर्ती विज्ञापन निकाला जाए, जिससे नौकरी की आस देख रहे हजारों बेरोजगारों का सपना पूरा हो सके।
अभ्यर्थियों का कहना है कि 23 नवंबर 2011 को शुरू हुई प्रक्रिया को एक साल से अधिक का समय बीत गया है, लेकिन आज तक भर्ती नहीं हो सकी है। विज्ञापन रद हुए भी तीन महीने बीतने को हैं, लेकिन अभी तक यह निर्धारित नहीं हो सका कि विज्ञापन का प्रारूप कैसा होगा। सरकार टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का लगातार मानसिक शोषण कर रही है। अभ्यर्थियों की मांग है कि कोर्ट द्वारा निर्धारित समय सीमा के अंदर विज्ञापन निकाला जाए और भर्ती प्रक्रिया शुरू हो सके। अभिषेक सिंह, संजय पांडेय, पवन मिश्रा, नीरज मिश्रा, पीयूष त्रिपाठी, सारस्वत शिवाकांत अभ्यर्थी मौजूद रहे।

Shortage of Primary Teachers in Uttar Pradesh

बी. सिंह इलाहाबाद।
भले ही प्रधानमंत्री शैक्षिक गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त करें किन्तु उत्तर प्रदेश के 7 हजार प्राथमिक स्कूलों में आज भी ताला लटक रहा है। यही नहीं 15 हजार से भी अधिक ऐसे प्राथमिक स्कूल हैं, जहां एक ही शिक्षक तैनात है। यह स्थिति कोई एक-दो महीने में नहीं पैदा हुई है। बल्कि पिछले चार वर्षो से प्राथमिक स्कूलों में नए शिक्षकों की भर्ती बंद है। अकेले इलाहाबाद में 35 ऐसे विालय हैं जहां शिक्षकों की भर्ती बंद है। जबकि लगभग 3 लाख शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। देश के कई राज्यों में जहां शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) तीन-तीन बार हो चुकी है वहीं उत्तर प्रदेश में केवल एक बार वर्ष 2011 नवम्बर में टीईटी हुई। वह भी अभी तकविवादों में फंसी है। अभी भी यह स्पष्ट नहीं कि यह परीक्षा कब तक हो सकेगी।

इस समय सूबे में 1,04,623 प्राथमिक स्कूल चल रहे हैं। दूसरी ओर जूनियर हाईस्कूलों की कुल संख्या इस समय 45,527 बताई जा रही है। चूंकि इस समय सूबे में नि:शुल्क अनिवार्य शिक्षा कानून लागू है। यदि उसका सही पालन किया जाए तो अभी भी लाखों नए शिक्षकों के पदों को भरना होगा। उधर राज्य का शिक्षा विभाग इस मामले में जिस तरह से उदासीन है उससे यह नहीं लगता कि शिक्षकों की कमी जल्द खत्म हो पाएगी।

ऐसी स्थिति में शिक्षकों की कमी रहते हुए स्कूलों में पढ़ाई का स्तर ऊंचा उठ पाएगा, फिलहाल ऐसा नहीं लग रहा है। माध्यमिक शिक्षा की भी हालत बहुत खराब है। पिछले दो-तीन वर्षो से यहां भी चयन बोर्ड शिक्षकों की नियुक्ति सदस्यों की कमी के कारण नहीं कर पा रहा है। सूबे में लगभग 25 हजार शिक्षकों की कमी माध्यमिक स्कूलों में इस समय बनी हुई है। जिस तरह से शिक्षा विभाग इस मामले में काम कर रहा है उससे यह नहीं लगता कि शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया अगले 6 माह के पहले शुरू हो पाएगी।

Demand for Recruitment of TET candidates

देवरिया:
हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद प्रदेश सरकार टीईटी अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी नहीं कर रही। राज्य सरकार के इस रवैए को लेकर टीईटी अभ्यर्थियों में रोष व्याप्त है। ऐसे में सरकार से हम मांग करते हैं कि नियुक्ति के लिए जल्द विज्ञापन जारी करें, ताकि नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त हो सके।

यह बातें टीईटी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष अनुराग मल्ल ने कही। वह रविवार को टाउनहाल परिसर में मोर्चा की बैठक को संबोधित कर रहे थे। जिला महामंत्री गौरीशंकर पाठक ने कहा कि कोर्ट ने राज्य सरकार से स्पष्ट रूप से कहा है कि राज्य सरकार द्वारा ऐसा कोई विज्ञापन जारी नहीं किया जाना चाहिए जो याचिका में शामिल अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले।

मोर्चा के राजित दीक्षित ने कहा कि यदि टीईटी मेरिट के आधार पर हमारी नियुक्ति नहीं होती है तो प्रदेश मोर्चा लोकसभा चुनाव में जनमत तैयार कर सरकार का पूर्ण विरोध करेगा। बैठक की अध्यक्षता शैलेष मणि त्रिपाठी व संचालन वेद प्रकाश चौरसिया ने किया।

इस अवसर पर अश्विनी यादव, प्रियरंजन वर्मा, पुण्डरीकाक्ष शर्मा, राजीव गुप्ता, दुर्गेश गुप्ता, रत्नेश कुमार तिवारी, शैलेश त्रिपाठी, प्रमोद सिंह, सच्चिदानंद मिश्र आदि मौजूद रहे।

Friday 23 November 2012

UP TET-अटकलों के हवाले शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया


केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने राज्यों से सर्वशिक्षा अभियान के तहत शिक्षकों की नियुक्ति में तेजी लाने का निर्देश जारी किया है। उत्तर प्रदेश को 3,09,910 शिक्षकों की नियुक्ति की सहमति दी जा चुकी है। राज्यों को स्पष्ट हिदायत दी गई है कि अब समय सीमा नहीं बढ़ाई जाएगी। यानी 31 मार्च 2013 तक शिक्षकों की नियुक्ति का कार्य पूरा करना है। इस समय पूरे देश में 13 लाख शिक्षकों की नियुक्ति इसी दौरान होनी है। इससे बीएड तथा बीटीसी जैसे प्रशिक्षण हासिल करने वाले लोगों को शिक्षक बनने का रास्ता खुल जाएगा।

UPTET : बढ़ा बीएड डिग्रीधारकों का इंतजार


इलाहाबाद। राज्य मंत्रिमंडल की मुहर न लग पाने के कारण बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में बीएड डिग्रीधारकों तथा शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का शिक्षक बनने का इंतजार एक बार फिर आगे बढ़ गया। वित्त विभाग, विधि विभाग ने बेसिक शिक्षा विभाग के 72,825 शिक्षकों की नियुक्ति के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है किन्तु अभी तक मंत्रिमंडल की सहमति नहीं मिली है। ऐसी स्थिति में शिक्षकों की नियुक्ति का मामला एक बार फिर अटकलों के हवाले हो गया है। 

हाल ही में उच्च न्यायालय ने उप्र सरकार को शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में विलंब पर फटकार लगाई थी। इसी के साथ सात दिसंबर 2012 तक शिक्षकों की नियुक्ति का विज्ञापन निकालने का निर्देश दिया था। उच्च न्यायालय के निर्देश पर शिक्षा विभाग शिक्षकों की सीधी भर्ती की प्रक्रिया तथा बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 में संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर वित्त तथा विधि विभाग से पत्रावली को मंजूरी हासिल कर लिया। इसी के बाद मंत्रिमंडल में इसकी मंजूरी मिलने के लिए पत्रावली भेजी गई फिलहाल सरकार ने उसे टाल दिया है। अब सारा दारोमदार मुख्यमंत्री की सहमति पर निर्भर है।

Uttar Pradesh Primary Teachers-तीन साल में गृह जनपद जाएंगे सभी शिक्षक


इलाहाबाद : प्रदेश के सभी शिक्षक तीन साल के भीतर मनचाहे जिलों में तबादला पा सकेंगे। यह जानकारी आए बेसिक शिक्षा एवं बालविकास पुष्टाहार मंत्री रामगोविंद चौधरी ने दैनिक जागरण से बातचीत में दी। वह शुक्रवार देर शाम सर्किट हाउस पहुंचे। मंत्री शनिवार को तुलसीपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करने जनपद आए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश की बेसिक शिक्षा व्यवस्था कि स्थिति सुधारने लिए सपा सरकार कृतसंकल्प है। विद्यालयों में पठन-पाठन का माहौल बने इसके लिए बेसिक शिक्षकों को तीन साल के भीतर उनका तबादला इच्छित जनपदों में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि तबादलों और तैनाती में पारदर्शिता बरते जाने के लिए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए शासनादेश का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाएं सही ढंग से क्रियान्वित हों, इसके लिए लगातार प्रयास जारी है। उन्होंने मीडिया से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि वह सभी विद्यालयों में पढ़ाई कराने के लिए कृतसंकल्प हैं। प्रदेश के अध्यापक विद्यालयों में पढ़ाना चाहते हैं, सरकार उन्हें बेहतर माहौल देगी
News Source : Amar Ujala (24.11.12)

अगले साल आएगी नौकरियों की बहार



सैफई (इटावा) अप्र : मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने घोषणा की है कि अगले एक साल में सरकार डेढ़ लाख नौकरियां शिक्षकों और पुलिस कर्मियों की निकालेगी। साथ ही उन्होंने विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाडि़यों से वादा किया है कि शीघ्र ही उनका भोजन भत्ता बढ़ाया जाएगा। चंदगीराम स्टेडियम में चार दिनों से चल रहे 38वें महिला खेलों के समापन समारोह के अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने बेरोजगारी भत्ता देने का वादा पूरा कर दिया है, लेकिन भत्तों से युवा की तकदीर नहीं बदल सकती है। भत्ता तो केवल उसके लिए एक सहारा है। उन्हें नौकरी देकर ही हम बड़ी राहत दे सकते हैं। उन्होंने इशारों-इशारों में कहा कि अब भर्ती में मेरिट लानी होगी। नकल या सिफारिश काम नहीं आएगी। बीपीएड शिक्षकों द्वारा अपनी आवाज बुलंद करने पर वह बोले उनके लिए भी कोई निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि गुजरात, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के खिलाड़ी सुविधाएं मिलने से काफी आगे हैं। जबकि बिहार, उप्र के खिलाड़ी पिछड़े हुए हैं।

UPTET - शिक्षकों की भर्ती का प्रस्ताव स्थगित

For the candidates of UPTET 2011 waiting for Vishist BTC 'Wait' is all that government has to say in case of recruitment of 72825 trainee teachers for primary schools in Uttar Pradesh. Even after 1 year government has to yet decide the criteria for selection. Now many candidates are accusing  UP govt. that it is trying to delay the process for gaining momentum in 2014 elections.



Monday 19 November 2012

UPTET-दो माह में होगी सवा लाख शिक्षकों की नियुक्ति: बेसिक शिक्षा मंत्री


कानपुर, शिक्षा संवाददाता : बीएड, बीटीसी व टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों के लिए यह अच्छी खबर होगी कि प्रदेश सरकार दो माह के भीतर सवा लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्तियां करने जा रही है। इसकी प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो जायेगी।

यह जानकारी बेसिक शिक्षा एवं बाल विकास पुष्टाहार मंत्री गोविंदराम चौधरी ने एक भेंट में दी। उन्होंने बताया कि नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार दिलाने के लिए कटिबद्ध प्रदेश सरकार ने स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने की मुहिम शुरू की है। इसके तहत स्थायी व अंशकालिक शिक्षकों को मिला कर सवा लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने बताया कि स्कूलों में शारीरिक शिक्षा आदि के अनुदेशकों की भर्ती में शिकायतें आ रहीं थीं इसलिए उन्हें रोक दिया गया। सवा लाख में उनकी संख्या भी शामिल होगी।

News Source : http://www.jagran.com/uttar-pradesh/kanpur-city-9856021.html

High Court Decision for UP Vishist BTC on 6/11/2012


HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD 

?Court No. - 38 

Case :- WRIT - A No. - 39674 of 2012 

Petitioner :- Akhilesh Tripathi & Others 
Respondent :- State Of U.P. & Others 
Petitioner Counsel :- Siddharth Khare,Ashok Khare 
Respondent Counsel :- C.S.C.,A.K. Yadav 

Hon'ble Arun Tandon,J. 
An affidavit has been filed by the Secretary, Basic Education Board U.P., Allahabad. Along with affidavit he has enclosed an order of the Central Government dated 10th September, 2012, whereby relaxation in respect of minimum qualification to be possessed by a teacher to be appointed in recognized institutions under the Right of Children to Free and Compulsory Education Act, 2009, which will includes the institutions run by the Basic Shiksha Parishad also, has been provided. Such relaxation has been directed to be applicable till 31st March, 2014. 
With reference to Rule 15 of the U.P. Right of Children to Free and Compulsory Education Rules, 2011 it is contended that no further amendment in the U.P. Basic Education (Teachers) Service Rules, 1981 (hereinafter referred to as Rules, 1981) is required and State is now under legal obligation to ensure that requisite number of qualified teachers are appointed in the Parishadiya Vidyalayas so as to make the right of children to free and compulsory education meaningful. Apex Court has held that under the Right of Children to Free and Compulsory Education Act, 2009 it is but necessary that requisite number of qualified teachers are appointed in the institutions covered by the Act. 
Since there are more than 72,000 existing vacancies in Parishadiya Vidyalayas throughout the State, it is necessary for the State to ensure that advertisements are published and qualified teachers are appointed. Every days delay in appointment of qualified teachers only adversely reflect upon the education in the institutions. 
The issue, as to whether any amendment in Rules, 1981 is required after such relaxation or not, may be examined by the Secretary, Basic Shiksha, U.P. Government, Lucknow at the first instance, and, in case such amendment is necessary, appropriate notification may be issued without any further delay. In any case the State Government must come out with an appropriate advertisement inviting applications for appointment of qualified teachers in accordance with the Right of Children to Free and Compulsory Education Act and the Rules framed by the State of U.P. read with Rules, 1981 on or before 07th December, 2012. 
Any advertisement so published shall not prejudice the right of the petitioners in the present petition. 
List on 07th December, 2012. 
Order Date :- 6.11.2012

UPTET-72000 शिक्षकों की सीधी भर्ती को मंजूरी


लखनऊ। प्रदेश में 72 हजार 825 प्रशिक्षु शिक्षकों की सीधी भर्ती के लिए अध्यापक सेवा नियमावली के संशोधन को न्याय व वित्त विभाग में मंजूरी दे दी है। कैबिनेट से मंजूरी के बाद इस नियमावली के आधार पर शिक्षकों की भर्तियां होंगी। राज्य सरकार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया दिसंबर में शुरू करना चाहती है, ताकि जॉइनिंग नए साल में दी जा सके।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद शिक्षकों के रखने की प्रक्रिया बदल दी गई है। परिषदीय स्कूलों में शिक्षक की भर्ती के लिए टीईटी पास होना अनिवार्य कर दिया गया है। प्रदेश में वर्ष 2010 से शिक्षकों की भर्ती की कवायद चल रही है, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते भर्तियां नहीं हो पा रही हैं। वर्ष 2011 में तत्कालीन बसपा सरकार ने शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट के आधार पर कराने का फैसला किया था। इसके चलते टीईटी में धांधली की शिकायत मिली और तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक को जेल तक जाना पड़ा।
प्रदेश में सत्ता बदलने के साथ अखिलेश सरकार ने शिक्षकों की भर्ती सीधे न कराकर पहले विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण देने का निर्णय किया।
इसके आधार पर जब सभी तैयारियां हो गईं, तो अचानक बेसिक शिक्षा मंत्री ने यह फैसला किया कि शिक्षकों की सीधी भर्ती की जाएगी। इसके लिए अब अध्यापक सेवा नियमावली में संशोधित करना पड़ेगा। इसके आधार पर ही बेसिक शिक्षा निदेशालय से मिले प्रस्ताव को न्याय व वित्त विभाग मंजूरी के लिए भेजा गया था, जहां से मंजूरी मिल गई है।

Saturday 17 November 2012

BTC 2010 Result


बीटीसी 2010 का रिजल्ट न आने से परीक्षार्थी परेशान

फर्रुखाबाद : बीटीसी 2010 की लिखित तथा प्रायोगिक परीक्षा होने के बावजूद अभी तक रिजल्ट घोषित न होने से परीक्षार्थी परेशान हैं। इनमें से टीईटी उत्तीर्ण 42 अभ्यर्थी बीटीसी रिजल्ट न आने से प्राथमिक शिक्षक पद के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।

जनपद के बीटीसी 2010 प्रशिक्षण में छिबरामऊ डायट में 100 अभ्यर्थियों का प्रवेश हुआ था। इनमें से 81 अभ्यर्थियों ने चतुर्थ सेमेस्टर की लिखित तथा प्रायोगिक परीक्षा दी थी। प्रायोगिक परीक्षा अक्टूबर में तथा लिखित परीक्षा उससे पहले हुई थी।

इन 81 अभ्यर्थियों में 42 ऐसे हैं, जिन्होंने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण कर ली थी। परीक्षार्थियों ने बताया कि रिजल्ट न आने से प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रकाशित रिक्तियों में वह आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान छिबरामऊ के प्रशिक्षण प्रभारी डा.सुनील चतुर्वेदी ने बताया कि शीघ्र ही रिजल्ट आने वाला है।

News Source : Jagran (16.11.12)

SSA के तहत होने वाली सवा लाख भर्तियां स्थगित



लखनऊ। सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) के तहत चालू वित्तीय वर्ष में सूबे में होने वाली 1,25, 000 से ज्यादा कर्मियों की भर्ती प्रक्रिया तत्काल स्थगित कर दी गई है।
भर्ती प्रक्रिया स्थगित किए जाने का निर्देश एसएसए के राज्य परियोजना निदेशक अतुल कुमार ने जारी कर दिया है। परियोजना निदेशक ने सूबे के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) लिखे पत्र में कहा है कि तत्काल प्रभाव से एसएसए के तहत शिक्षक, अनुदेशक, शारीरिक शिक्षक, कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में की जाने वाली भर्तियों के अलावा ब्लॉक रिसोर्स सेंटर के संचालन के लिए कम्प्यूटर सहायक और सहायक लेखाकार की भर्ती प्रक्रिया स्थगित की जाती है।
गौरतलब है कि सूबे में 41 हजार डिप्लोमा इन फिजिकल एजुकेशन (डीपीएड), बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन (बीपीएड) व सर्टिफिकेट ऑफ फिजिकल एजुकेशन (सीपीएड) डिग्री धाकर संविदा शिक्षक, 27 हजार जूनियर हाई स्कूलों में कराते शिक्षक (शारीरिक शिक्षक), कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में 28 हजार से अधिक स्टाफ, सभी 821 ब्लॉक में ब्लॉक रिसोर्स सेंटर के संचालन के लिए कम्प्यूटर सहायक और सहायक लेखाकार इसके अलावा नि:शक्त बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया प्रस्तावित है

Monday 12 November 2012

UP VBTC in December


VBTC Direct joining-Recruitment on District level


लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन दिसंबर में लिए जाने की तैयारी है। आवेदन ऑनलाइन जिलेवार लिए जाएंगे और मेरिट भी जिला स्तर पर बनाई जाएगी। बेसिक शिक्षा विभाग से भेजे गए प्रस्ताव पर शासन में काफी हद तक सहमति बन गई है। प्रस्ताव को वित्त और न्याय विभाग से मंजूरी लेने के लिए भेज दिया गया है। मंजूरी मिलने के बाद इसे कैबिनेट से पास कराया जाएगा।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में छात्र और शिक्षक का अनुपात बदल दिया गया है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने इसके आधार पर राज्यों को टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों को सीधे प्रशिक्षु शिक्षक के पद पर रखने की अनुमति दी है। यूपी में पहले बीएड डिग्रीधारकों को छह माह का विशिष्ट बीटीसी का प्रशिक्षण देकर शिक्षक बनाने पर सहमति बनी थी, लेकिन बाद में तय किया गया कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परषिद से मिली मंजूरी के आधार पर ही शिक्षकों की भर्ती की जाएगी।
बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने इसके आधार पर बेसिक शिक्षा निदेशालय से प्रस्ताव लेने का निर्देश दिया था। निदेशालय ने इसके आधार पर शासन को प्रस्ताव भेजा है। प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश अध्यापक सेवा नियमावली संशोधित की जाएगी। नियमावली के नियम-14 में शिक्षकों की सीधी भर्ती का प्रावधान किया जा रहा है। शिक्षकों की भर्ती मेरिट के आधार पर की जाएगी। इसके लिए हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक और बीएड के अंकों का गुणांक निकालते हुए मेरिट बनाई जाएगी। शासन स्तर पर हुई बैठक में यह सहमति बनी है कि दिसंबर के अंत तक शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाए।


News Source : Amar Ujala (12.11.12)

Sunday 11 November 2012

TET for Urdu BTC

Govt. yet to Decide on TET requirment for Urdu BTC in Uttar Pradesh


मुअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों को टीईटी से छूट देने पर भ्रम
जागरण ब्यूरो, लखनऊ : मुअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों को अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) से छूट देने का मामला उलझता जा रहा है। प्रकरण में बेसिक शिक्षा महकमे को न्याय विभाग तीन मौकों पर तीन अलग-अलग राय दे चुका है। मामला सुलझता न देख मुख्य सचिव के निर्देश पर अब विधिक परामर्श के लिए पत्रावली महाधिवक्ता को भेजी गई है। शासन 1997 से पहले के मुअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों तथा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) से डिप्लोमा इन टीचिंग सर्टिफिकेट हासिल करने वाले अभ्यर्थियों को शिक्षकों की नियुक्ति में टीईटी से छूट देने की राह तलाश रहा है। इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग ने जब पहली बार अभिमत मांगा तो न्याय विभाग ने परामर्श दिया कि राज्य सरकार की सुप्रीम कोर्ट में दाखिल विशेष अनुज्ञा याचिका वापस लेने के बाद मुअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों के मामले में हाई कोर्ट का आदेश बाध्यकारी हो जाता है। हाई कोर्ट ने 14 जुलाई 2010 को सरकार को आदेश दिया था कि उर्दू शिक्षकों के पद पर नियुक्ति के लिए मुअल्लिम-ए-उर्दू की उपाधि को बीटीसी (उर्दू) के समकक्ष मान्यता दी जाए।

Friday 9 November 2012

BTC 2010 Dharna Pradarshan

BTC 2010 Vishal Dharna Pradarshan

BTC 2010 candidates have decided to put on a Dharna pradarshan in front of Vidhan Sabha on 16 and 17 November in Lucknow. Below is the permission letter for this put by a candidate on Facebook.


VENUE-DHRNA STHAL,VIDHANSATBHA,GATE NO.3 KE SAMNE

BTC 2010 Sultanpur writ Decision


LUCKNOW BENCH ORDER ON BTC 2010 SULTANPUR WRIT

High Court Lucknow bench judgement of 9.11.12 regarding the writ filed by Vijay kumar and another from Sultanpur against State of UP thru Prin. Secy. Basic Education and 4 othrs for result declaration of 4th semester of UP BTC 2010. A notice is dispensed to opposite party no. 3 to take actions within seven days from the date of presentation of certified copy of the order.

Case :- MISC. SINGLE No. - 6414 of 2012 

Petitioner :- Vijay Kumar & Another 

Respondent :- State Of U.P. Thru Prin. Secy. Basic Education Deptt. & 4ors 
Petitioner Counsel :- Surendra Pratap Singh,R.P. Singh 
Respondent Counsel :- C.S.C.,J.B.S. Rathour 

Hon'ble Devendra Kumar Arora,J. 

Notice on behalf of opposite parties no. 1, 2 and 4 has been accepted by learned Chief Standing Counsel and Shri J.B.S. Rathour, learned counsel has accepted notice on behalf of opposite party no. 5.� 
In view of the order proposed, issuance of notice to opposite party no. 3 is hereby dispensed with. 
The submission of learned counsel for the petitioners is that petitioners' fourth semester examination of B.T.C. training course of session 2010 was held on 10th, 11th and 12th October, 2012, but the result of the same has not been declared so far.� Petitioners have requested that� opposite party no. 3 may be directed to declare the result of the petitioners so that they could be able to apply against the advertisement dated 05.10.2012 for appointment on the post of Assistant Teacher in accordance with law. � 
Consequently, opposite party no. 3 is directed to consider the request of the petitioner in accordance with law preferably within seven days from the date of presentation of certified copy of this order passed by this Court. 
With the above direction present writ petition is disposed of. 
Order Date :- 9.11.2012 

Thursday 8 November 2012

BTC 2010 Kannauj


परीक्षाफल घोषित होने तक रोकी जाए नियुक्ति प्रक्रिया

stop recruitment process until result declaration
कन्नौज, स्टाफ रिपोर्टर : बीटीसी प्रशिक्षण की प्रायोगिक परीक्षाओं का परीक्षाफल घोषित न होने से प्रशिक्षण ले चुके प्रशिक्षणार्थिय ों के अंदर मायूसी छाई हुई है और कहींन कहीं उनके नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल न हो पाने का भय सता रहा है। ऐसे प्रशिक्षणार्थिय ों ने मुख्यमंत्री को प्रार्थना पत्र भेजकर परीक्षाफल घोषित कराने या नियुक्ति प्रक्रिया में सम्मिलित कराए जाने के मांग उठाई गई है।
वर्ष 2010 में बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रशिक्षणार्थिय ों ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भेजे गए पत्र में कहा है कि उन लोगों का दो अगस्त 2012 को प्रशिक्षणा समाप्त हो चुका है। लेकिन प्रशिक्षण की प्रायोगिक परीक्षाओं का परीक्षाफल अभी तक घोषित नहीं किया गया है। प्रशिक्षणार्थी हिमांशु दुबे, विमलेश कुमार, रवी दुबे, विनीत यादव, हमीद खां, लालवीर, दीपक सिंह, राजेश यादव, सत्यम यादव जितेंद्र कुमार, संजय सिंह राहुल कुमार व साबीरसिंह ने बताया कि परीक्षाफल घोषित न होने से उनका प्रशिक्षण पूरा नहीं माना जा रहा है और उन लोगों को परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक की नियुक्ति प्रक्रिया में सम्मिलित नहीं हो पा भय सता रहा है। उन लोगों ने परीक्षाफल घोषित होने में विलंब होने के कारण नियुक्ति प्रक्रिया की तिथि को बढ़ाने की मांगकी गई है। जिससे कि उन लोगों का प्रशिक्षण बेकार न जा सके और उन्हें भी नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने का मौका मिल सके

Urdu Teacher Recruitment 2012-NCTE Permission required


उर्दू शिक्षकों की भर्ती में फिर फंसा पेंचन्याय विभाग ने कहा एनसीटीई से लें स्वीकृति

अमर उजाला ब्यूरो-लखनऊ।

प्राइमरी स्कूलों में मोअल्लिम डिग्री धारक 3480 उर्दू शिक्षकों की भर्ती में एक बार फिर पेंच फंस गया है। मोअल्लिम डिग्री धारक अभ्यर्थियों को प्राइमरी स्कूलों में सीधे सहायक शिक्षक बनाने को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग ने न्याय विभाग से राय मांगी थी। लेकिन न्याय विभाग ने इस मामले में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से स्वीकृति लेने का सुझाव देते हुए फाइल विभाग को लौटा दिया है।

मोअल्लिम-ए-उर्दू और डिप्लोमा इन उर्दू टीचिंग करने वालों के लिए टीईटी की अनिवार्यता समाप्त कर छह माह की ट्रेनिंग के बाद सीधे उर्दू सहायक शिक्षक बनाने पर सरकार विचार कर रही है। प्रदेश में वर्ष 1994-95 में प्राइमरी स्कूलों में उर्दू के सहायक अध्यापक रखे गए थे। बेसिक शिक्षा विभाग ने मोअल्लिम-ए-उर्दू और डिप्लेमा इन उर्दू टीचिंग उपाधि को इसके लिए पात्र माना था। लेकिन बाद में इन उपाधियों को अपात्र मान लिया गया। इस संबंध में मोअल्लिम-ए-उर्दू वालों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल किया और सुनवाई के बाद फैसला उनके पक्ष में हुआ। राज्य सरकार ने इसके विरोध में सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुज्ञा याचिका (एसएलपी) दाखिल की।

सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई चल ही रही थी कि 29 जून 2011 को तत्कालीन मायावती सरकार ने एसएलपी वापस लेकर इन उपाधि धारकों को प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक बनाने का निर्णय कर लिया। इसके लिए 1997 से पहले मोअल्लिम-ए-उर्दू और डिप्लोमा इन उर्दू टीचिंग करने वालों को पात्र माना गया। इसके आधार पर ही नवंबर 2011 में आयोजित टीईटी में इन्हें शामिल होने की अनुमति दी गई। पर मोअल्लिम-ए-उर्दू वाले टीईटी दिए बिना ही शिक्षक बनना चाहते थे। कुछ उपाधि धारक टीईटी में शामिल हुए लेकिन अधिकतर शामिल नहीं हुए। इन उपाधिधारकों ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात कर टीईटी की अनिवार्यता समाप्त कर शिक्षक बनाने की मांग की। इसके बाद शासन ने सीधे मोअल्लिम-ए-उर्दू और डिप्लोमा इन उर्दू टीचिंग उपाधिधारकों को सहायक शिक्षक बनाने की कवायद में जुटा है
news source-http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20121109a_006163009&ileft=129&itop=357&zoomRatio=130&AN=20121109a_006163009