Thursday 6 December 2012

UPTET 2011 : रद्दी हुए 77,688 आवेदन, अब होंगे ऑनलाइन


इटावा, कार्यालय प्रतिनिधि : सहायक अध्यापकों की भर्ती का रास्ता खुलने के साथ ही ऑनलाइन आवेदन की नीति तय की गयी है। इससे पिछले वर्ष डाइट पर जमा हुए 77,688 आवेदन पत्र रद्दी की टोकरी में पहुंच जाएंगे। जिले के 500 रिक्त पदों के लिए इतनी बड़ी संख्या में टीईटी परीक्षा पास आवेदकों द्वारा किए गए आवेदनों ने डाइट प्रशासन का पसीना छुड़ा दिया था। इनकी फीडिंग में ही कई माह लगे और सारी कवायद बेकार गयी।

डाइट को प्राप्त हुए 77,688 आवेदनों से करीब 6200 आवेदनों के साथ लगभग 20 लाख रुपये के ड्राफ्ट भी मिले। यह राशि डाइट के खाते में जमा है और इसमें से कुछ राशि नियमानुसार मेंटीनेंस में व्यय हो चुकी है। जमा राशि को संबंधित आवेदकों को वापस किए जाने के संबंध में निर्देश का इंतजार है। अब नए सिरे से ऑनलाइन आवेदन किए जाएंगे और 7 दिसंबर को विभाग द्वारा विज्ञापन निकाले जाने की संभावना है। विभाग को इसी दिन हाईकोर्ट में जवाब भी दाखिल करना है। बेसिक शिक्षा परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया से लाखों शिक्षित बेरोजगारों की उम्मीदें एक वर्ष से जुड़ी हैं। 30 नवंबर 2011 को शासन ने विज्ञापन निकाल कर प्रदेश भर में सहायक अध्यापकों के 72,825 रिक्त पदों के लिए टीईटी पास अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे थे। पहले आवेदकों को सिर्फ 5 जिलों में आवेदन करने की छूट दी गयी थी। कोर्ट के आदेश के बाद 23 दिसंबर 2011 को संशोधित विज्ञप्ति प्रकाशित की गयी जिसमें आवेदकों को सभी डाइटों में आवेदन की छूट मिली। इस संशोधित विज्ञप्ति के तहत 9 जनवरी 2012 तक आवेदन स्वीकार किए गए।

सभी जिलों में आवेदन करने की छूट का व्यापक असर रहा। आवेदकों को यह सहूलियत भी दी गयी कि वह सिर्फ किसी एक जिले में शुल्क के रूप में ड्राफ्ट लगाएं। बाकी जिलों में महज आवेदन भेज दें। इसका नतीजा यह रहा कि इस छूट से पूर्व जहां जिले के कुल 500 रिक्त पदों के लिए महज करीब 9 हजार आवेदन प्राप्त हुए थे, इस छूट के बाद आवेदनों की बाढ़ सी आ गयी। अंतिम तिथि तक डाइट में 77,688 आवेदन प्राप्त हुए।

डाइट कर्मियों की मानें तो इतने फार्म पहले कभी किसी रिक्त पदों की भर्ती में नहीं आए। इन आवेदन पत्रों के साथ करीब 6200 ड्राफ्ट भी मिले। सामान्य व ओबीसी श्रेणी के लिए 500 रुपये और एससी व एसटी के लिए 200 रुपये निर्धारित शुल्क के तौर पर पर करीब 20 लाख रुपये ड्राफ्टों के जरिए प्राप्त हुए।

लेकिन भर्ती हो पाती इससे पहले अध्यापक पात्रता परीक्षा के रिजल्ट में धांधली का आरोप लगा और इसकी वैधता पर सवाल उठने लगे। सरकार ने इसकी वैधता पर निर्णय लेने में चार महीने लगा दिए। सितंबर में केंद्र से जब बीएड धारकों की भर्ती करने की अनुमति मिली तो विभाग पहले भर्ती या फिर पहले प्रशिक्षण के मुद्दे पर अटका रहा। अंतत: विभाग ने आगे के लिए भी बीएड धारकों की भर्ती की अड़चन से निपटने के लिए सेवा नियमावली में संशोधन करने का निर्णय लिया। संशोधन के बाद टीईटी उत्तीर्ण बीएडधारी सीधे प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती किए जाएंगे और इन्हें 6 माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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