Monday, 26 November 2012

टी इ टी अभ्यर्थियों को पुलिस ने खदेड़ा


अमर उजाला ब्यूरो
इलाहाबाद। 72825 पदों पर सहायक अध्यापकों की भर्ती न किए जाने के विरोध में टीईटी पास अभ्यर्थियों ने सोमवार को सुभाष चौराहे पर मुख्यमंत्री का पुतला फूंका। अभ्यर्थियों की भीड़ देख वहां पहुंची पुलिस ने उन्हें खदेड़ लिया। लाठियां पटकने से वहां भगदड़ मच गई। अभ्यर्थियों ने आजाद पार्क में भी जमकर नारेबाजी की और निर्णय लिया कि वे 29 नवंबर को विधानसभा भवन का घेराव करेंगे। अभ्यर्थियों की मांग है कि जल्द से जल्द भर्ती विज्ञापन निकाला जाए, जिससे नौकरी की आस देख रहे हजारों बेरोजगारों का सपना पूरा हो सके।
अभ्यर्थियों का कहना है कि 23 नवंबर 2011 को शुरू हुई प्रक्रिया को एक साल से अधिक का समय बीत गया है, लेकिन आज तक भर्ती नहीं हो सकी है। विज्ञापन रद हुए भी तीन महीने बीतने को हैं, लेकिन अभी तक यह निर्धारित नहीं हो सका कि विज्ञापन का प्रारूप कैसा होगा। सरकार टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का लगातार मानसिक शोषण कर रही है। अभ्यर्थियों की मांग है कि कोर्ट द्वारा निर्धारित समय सीमा के अंदर विज्ञापन निकाला जाए और भर्ती प्रक्रिया शुरू हो सके। अभिषेक सिंह, संजय पांडेय, पवन मिश्रा, नीरज मिश्रा, पीयूष त्रिपाठी, सारस्वत शिवाकांत अभ्यर्थी मौजूद रहे।

Shortage of Primary Teachers in Uttar Pradesh

बी. सिंह इलाहाबाद।
भले ही प्रधानमंत्री शैक्षिक गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त करें किन्तु उत्तर प्रदेश के 7 हजार प्राथमिक स्कूलों में आज भी ताला लटक रहा है। यही नहीं 15 हजार से भी अधिक ऐसे प्राथमिक स्कूल हैं, जहां एक ही शिक्षक तैनात है। यह स्थिति कोई एक-दो महीने में नहीं पैदा हुई है। बल्कि पिछले चार वर्षो से प्राथमिक स्कूलों में नए शिक्षकों की भर्ती बंद है। अकेले इलाहाबाद में 35 ऐसे विालय हैं जहां शिक्षकों की भर्ती बंद है। जबकि लगभग 3 लाख शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। देश के कई राज्यों में जहां शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) तीन-तीन बार हो चुकी है वहीं उत्तर प्रदेश में केवल एक बार वर्ष 2011 नवम्बर में टीईटी हुई। वह भी अभी तकविवादों में फंसी है। अभी भी यह स्पष्ट नहीं कि यह परीक्षा कब तक हो सकेगी।

इस समय सूबे में 1,04,623 प्राथमिक स्कूल चल रहे हैं। दूसरी ओर जूनियर हाईस्कूलों की कुल संख्या इस समय 45,527 बताई जा रही है। चूंकि इस समय सूबे में नि:शुल्क अनिवार्य शिक्षा कानून लागू है। यदि उसका सही पालन किया जाए तो अभी भी लाखों नए शिक्षकों के पदों को भरना होगा। उधर राज्य का शिक्षा विभाग इस मामले में जिस तरह से उदासीन है उससे यह नहीं लगता कि शिक्षकों की कमी जल्द खत्म हो पाएगी।

ऐसी स्थिति में शिक्षकों की कमी रहते हुए स्कूलों में पढ़ाई का स्तर ऊंचा उठ पाएगा, फिलहाल ऐसा नहीं लग रहा है। माध्यमिक शिक्षा की भी हालत बहुत खराब है। पिछले दो-तीन वर्षो से यहां भी चयन बोर्ड शिक्षकों की नियुक्ति सदस्यों की कमी के कारण नहीं कर पा रहा है। सूबे में लगभग 25 हजार शिक्षकों की कमी माध्यमिक स्कूलों में इस समय बनी हुई है। जिस तरह से शिक्षा विभाग इस मामले में काम कर रहा है उससे यह नहीं लगता कि शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया अगले 6 माह के पहले शुरू हो पाएगी।

Demand for Recruitment of TET candidates

देवरिया:
हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद प्रदेश सरकार टीईटी अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी नहीं कर रही। राज्य सरकार के इस रवैए को लेकर टीईटी अभ्यर्थियों में रोष व्याप्त है। ऐसे में सरकार से हम मांग करते हैं कि नियुक्ति के लिए जल्द विज्ञापन जारी करें, ताकि नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त हो सके।

यह बातें टीईटी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष अनुराग मल्ल ने कही। वह रविवार को टाउनहाल परिसर में मोर्चा की बैठक को संबोधित कर रहे थे। जिला महामंत्री गौरीशंकर पाठक ने कहा कि कोर्ट ने राज्य सरकार से स्पष्ट रूप से कहा है कि राज्य सरकार द्वारा ऐसा कोई विज्ञापन जारी नहीं किया जाना चाहिए जो याचिका में शामिल अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले।

मोर्चा के राजित दीक्षित ने कहा कि यदि टीईटी मेरिट के आधार पर हमारी नियुक्ति नहीं होती है तो प्रदेश मोर्चा लोकसभा चुनाव में जनमत तैयार कर सरकार का पूर्ण विरोध करेगा। बैठक की अध्यक्षता शैलेष मणि त्रिपाठी व संचालन वेद प्रकाश चौरसिया ने किया।

इस अवसर पर अश्विनी यादव, प्रियरंजन वर्मा, पुण्डरीकाक्ष शर्मा, राजीव गुप्ता, दुर्गेश गुप्ता, रत्नेश कुमार तिवारी, शैलेश त्रिपाठी, प्रमोद सिंह, सच्चिदानंद मिश्र आदि मौजूद रहे।

Friday, 23 November 2012

UP TET-अटकलों के हवाले शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया


केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने राज्यों से सर्वशिक्षा अभियान के तहत शिक्षकों की नियुक्ति में तेजी लाने का निर्देश जारी किया है। उत्तर प्रदेश को 3,09,910 शिक्षकों की नियुक्ति की सहमति दी जा चुकी है। राज्यों को स्पष्ट हिदायत दी गई है कि अब समय सीमा नहीं बढ़ाई जाएगी। यानी 31 मार्च 2013 तक शिक्षकों की नियुक्ति का कार्य पूरा करना है। इस समय पूरे देश में 13 लाख शिक्षकों की नियुक्ति इसी दौरान होनी है। इससे बीएड तथा बीटीसी जैसे प्रशिक्षण हासिल करने वाले लोगों को शिक्षक बनने का रास्ता खुल जाएगा।

UPTET : बढ़ा बीएड डिग्रीधारकों का इंतजार


इलाहाबाद। राज्य मंत्रिमंडल की मुहर न लग पाने के कारण बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में बीएड डिग्रीधारकों तथा शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का शिक्षक बनने का इंतजार एक बार फिर आगे बढ़ गया। वित्त विभाग, विधि विभाग ने बेसिक शिक्षा विभाग के 72,825 शिक्षकों की नियुक्ति के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है किन्तु अभी तक मंत्रिमंडल की सहमति नहीं मिली है। ऐसी स्थिति में शिक्षकों की नियुक्ति का मामला एक बार फिर अटकलों के हवाले हो गया है। 

हाल ही में उच्च न्यायालय ने उप्र सरकार को शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में विलंब पर फटकार लगाई थी। इसी के साथ सात दिसंबर 2012 तक शिक्षकों की नियुक्ति का विज्ञापन निकालने का निर्देश दिया था। उच्च न्यायालय के निर्देश पर शिक्षा विभाग शिक्षकों की सीधी भर्ती की प्रक्रिया तथा बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 में संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर वित्त तथा विधि विभाग से पत्रावली को मंजूरी हासिल कर लिया। इसी के बाद मंत्रिमंडल में इसकी मंजूरी मिलने के लिए पत्रावली भेजी गई फिलहाल सरकार ने उसे टाल दिया है। अब सारा दारोमदार मुख्यमंत्री की सहमति पर निर्भर है।

Uttar Pradesh Primary Teachers-तीन साल में गृह जनपद जाएंगे सभी शिक्षक


इलाहाबाद : प्रदेश के सभी शिक्षक तीन साल के भीतर मनचाहे जिलों में तबादला पा सकेंगे। यह जानकारी आए बेसिक शिक्षा एवं बालविकास पुष्टाहार मंत्री रामगोविंद चौधरी ने दैनिक जागरण से बातचीत में दी। वह शुक्रवार देर शाम सर्किट हाउस पहुंचे। मंत्री शनिवार को तुलसीपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करने जनपद आए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश की बेसिक शिक्षा व्यवस्था कि स्थिति सुधारने लिए सपा सरकार कृतसंकल्प है। विद्यालयों में पठन-पाठन का माहौल बने इसके लिए बेसिक शिक्षकों को तीन साल के भीतर उनका तबादला इच्छित जनपदों में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि तबादलों और तैनाती में पारदर्शिता बरते जाने के लिए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए शासनादेश का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाएं सही ढंग से क्रियान्वित हों, इसके लिए लगातार प्रयास जारी है। उन्होंने मीडिया से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि वह सभी विद्यालयों में पढ़ाई कराने के लिए कृतसंकल्प हैं। प्रदेश के अध्यापक विद्यालयों में पढ़ाना चाहते हैं, सरकार उन्हें बेहतर माहौल देगी
News Source : Amar Ujala (24.11.12)

अगले साल आएगी नौकरियों की बहार



सैफई (इटावा) अप्र : मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने घोषणा की है कि अगले एक साल में सरकार डेढ़ लाख नौकरियां शिक्षकों और पुलिस कर्मियों की निकालेगी। साथ ही उन्होंने विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाडि़यों से वादा किया है कि शीघ्र ही उनका भोजन भत्ता बढ़ाया जाएगा। चंदगीराम स्टेडियम में चार दिनों से चल रहे 38वें महिला खेलों के समापन समारोह के अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने बेरोजगारी भत्ता देने का वादा पूरा कर दिया है, लेकिन भत्तों से युवा की तकदीर नहीं बदल सकती है। भत्ता तो केवल उसके लिए एक सहारा है। उन्हें नौकरी देकर ही हम बड़ी राहत दे सकते हैं। उन्होंने इशारों-इशारों में कहा कि अब भर्ती में मेरिट लानी होगी। नकल या सिफारिश काम नहीं आएगी। बीपीएड शिक्षकों द्वारा अपनी आवाज बुलंद करने पर वह बोले उनके लिए भी कोई निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि गुजरात, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के खिलाड़ी सुविधाएं मिलने से काफी आगे हैं। जबकि बिहार, उप्र के खिलाड़ी पिछड़े हुए हैं।

UPTET - शिक्षकों की भर्ती का प्रस्ताव स्थगित

For the candidates of UPTET 2011 waiting for Vishist BTC 'Wait' is all that government has to say in case of recruitment of 72825 trainee teachers for primary schools in Uttar Pradesh. Even after 1 year government has to yet decide the criteria for selection. Now many candidates are accusing  UP govt. that it is trying to delay the process for gaining momentum in 2014 elections.



Monday, 19 November 2012

UPTET-दो माह में होगी सवा लाख शिक्षकों की नियुक्ति: बेसिक शिक्षा मंत्री


कानपुर, शिक्षा संवाददाता : बीएड, बीटीसी व टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों के लिए यह अच्छी खबर होगी कि प्रदेश सरकार दो माह के भीतर सवा लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्तियां करने जा रही है। इसकी प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो जायेगी।

यह जानकारी बेसिक शिक्षा एवं बाल विकास पुष्टाहार मंत्री गोविंदराम चौधरी ने एक भेंट में दी। उन्होंने बताया कि नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार दिलाने के लिए कटिबद्ध प्रदेश सरकार ने स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने की मुहिम शुरू की है। इसके तहत स्थायी व अंशकालिक शिक्षकों को मिला कर सवा लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने बताया कि स्कूलों में शारीरिक शिक्षा आदि के अनुदेशकों की भर्ती में शिकायतें आ रहीं थीं इसलिए उन्हें रोक दिया गया। सवा लाख में उनकी संख्या भी शामिल होगी।

News Source : http://www.jagran.com/uttar-pradesh/kanpur-city-9856021.html