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Monday 26 November 2012

Shortage of Primary Teachers in Uttar Pradesh

बी. सिंह इलाहाबाद।
भले ही प्रधानमंत्री शैक्षिक गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त करें किन्तु उत्तर प्रदेश के 7 हजार प्राथमिक स्कूलों में आज भी ताला लटक रहा है। यही नहीं 15 हजार से भी अधिक ऐसे प्राथमिक स्कूल हैं, जहां एक ही शिक्षक तैनात है। यह स्थिति कोई एक-दो महीने में नहीं पैदा हुई है। बल्कि पिछले चार वर्षो से प्राथमिक स्कूलों में नए शिक्षकों की भर्ती बंद है। अकेले इलाहाबाद में 35 ऐसे विालय हैं जहां शिक्षकों की भर्ती बंद है। जबकि लगभग 3 लाख शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। देश के कई राज्यों में जहां शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) तीन-तीन बार हो चुकी है वहीं उत्तर प्रदेश में केवल एक बार वर्ष 2011 नवम्बर में टीईटी हुई। वह भी अभी तकविवादों में फंसी है। अभी भी यह स्पष्ट नहीं कि यह परीक्षा कब तक हो सकेगी।

इस समय सूबे में 1,04,623 प्राथमिक स्कूल चल रहे हैं। दूसरी ओर जूनियर हाईस्कूलों की कुल संख्या इस समय 45,527 बताई जा रही है। चूंकि इस समय सूबे में नि:शुल्क अनिवार्य शिक्षा कानून लागू है। यदि उसका सही पालन किया जाए तो अभी भी लाखों नए शिक्षकों के पदों को भरना होगा। उधर राज्य का शिक्षा विभाग इस मामले में जिस तरह से उदासीन है उससे यह नहीं लगता कि शिक्षकों की कमी जल्द खत्म हो पाएगी।

ऐसी स्थिति में शिक्षकों की कमी रहते हुए स्कूलों में पढ़ाई का स्तर ऊंचा उठ पाएगा, फिलहाल ऐसा नहीं लग रहा है। माध्यमिक शिक्षा की भी हालत बहुत खराब है। पिछले दो-तीन वर्षो से यहां भी चयन बोर्ड शिक्षकों की नियुक्ति सदस्यों की कमी के कारण नहीं कर पा रहा है। सूबे में लगभग 25 हजार शिक्षकों की कमी माध्यमिक स्कूलों में इस समय बनी हुई है। जिस तरह से शिक्षा विभाग इस मामले में काम कर रहा है उससे यह नहीं लगता कि शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया अगले 6 माह के पहले शुरू हो पाएगी।

Demand for Recruitment of TET candidates

देवरिया:
हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद प्रदेश सरकार टीईटी अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी नहीं कर रही। राज्य सरकार के इस रवैए को लेकर टीईटी अभ्यर्थियों में रोष व्याप्त है। ऐसे में सरकार से हम मांग करते हैं कि नियुक्ति के लिए जल्द विज्ञापन जारी करें, ताकि नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त हो सके।

यह बातें टीईटी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष अनुराग मल्ल ने कही। वह रविवार को टाउनहाल परिसर में मोर्चा की बैठक को संबोधित कर रहे थे। जिला महामंत्री गौरीशंकर पाठक ने कहा कि कोर्ट ने राज्य सरकार से स्पष्ट रूप से कहा है कि राज्य सरकार द्वारा ऐसा कोई विज्ञापन जारी नहीं किया जाना चाहिए जो याचिका में शामिल अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले।

मोर्चा के राजित दीक्षित ने कहा कि यदि टीईटी मेरिट के आधार पर हमारी नियुक्ति नहीं होती है तो प्रदेश मोर्चा लोकसभा चुनाव में जनमत तैयार कर सरकार का पूर्ण विरोध करेगा। बैठक की अध्यक्षता शैलेष मणि त्रिपाठी व संचालन वेद प्रकाश चौरसिया ने किया।

इस अवसर पर अश्विनी यादव, प्रियरंजन वर्मा, पुण्डरीकाक्ष शर्मा, राजीव गुप्ता, दुर्गेश गुप्ता, रत्नेश कुमार तिवारी, शैलेश त्रिपाठी, प्रमोद सिंह, सच्चिदानंद मिश्र आदि मौजूद रहे।

Friday 23 November 2012

UP TET-अटकलों के हवाले शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया


केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने राज्यों से सर्वशिक्षा अभियान के तहत शिक्षकों की नियुक्ति में तेजी लाने का निर्देश जारी किया है। उत्तर प्रदेश को 3,09,910 शिक्षकों की नियुक्ति की सहमति दी जा चुकी है। राज्यों को स्पष्ट हिदायत दी गई है कि अब समय सीमा नहीं बढ़ाई जाएगी। यानी 31 मार्च 2013 तक शिक्षकों की नियुक्ति का कार्य पूरा करना है। इस समय पूरे देश में 13 लाख शिक्षकों की नियुक्ति इसी दौरान होनी है। इससे बीएड तथा बीटीसी जैसे प्रशिक्षण हासिल करने वाले लोगों को शिक्षक बनने का रास्ता खुल जाएगा।

UPTET : बढ़ा बीएड डिग्रीधारकों का इंतजार


इलाहाबाद। राज्य मंत्रिमंडल की मुहर न लग पाने के कारण बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में बीएड डिग्रीधारकों तथा शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का शिक्षक बनने का इंतजार एक बार फिर आगे बढ़ गया। वित्त विभाग, विधि विभाग ने बेसिक शिक्षा विभाग के 72,825 शिक्षकों की नियुक्ति के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है किन्तु अभी तक मंत्रिमंडल की सहमति नहीं मिली है। ऐसी स्थिति में शिक्षकों की नियुक्ति का मामला एक बार फिर अटकलों के हवाले हो गया है। 

हाल ही में उच्च न्यायालय ने उप्र सरकार को शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में विलंब पर फटकार लगाई थी। इसी के साथ सात दिसंबर 2012 तक शिक्षकों की नियुक्ति का विज्ञापन निकालने का निर्देश दिया था। उच्च न्यायालय के निर्देश पर शिक्षा विभाग शिक्षकों की सीधी भर्ती की प्रक्रिया तथा बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 में संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर वित्त तथा विधि विभाग से पत्रावली को मंजूरी हासिल कर लिया। इसी के बाद मंत्रिमंडल में इसकी मंजूरी मिलने के लिए पत्रावली भेजी गई फिलहाल सरकार ने उसे टाल दिया है। अब सारा दारोमदार मुख्यमंत्री की सहमति पर निर्भर है।

Uttar Pradesh Primary Teachers-तीन साल में गृह जनपद जाएंगे सभी शिक्षक


इलाहाबाद : प्रदेश के सभी शिक्षक तीन साल के भीतर मनचाहे जिलों में तबादला पा सकेंगे। यह जानकारी आए बेसिक शिक्षा एवं बालविकास पुष्टाहार मंत्री रामगोविंद चौधरी ने दैनिक जागरण से बातचीत में दी। वह शुक्रवार देर शाम सर्किट हाउस पहुंचे। मंत्री शनिवार को तुलसीपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करने जनपद आए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश की बेसिक शिक्षा व्यवस्था कि स्थिति सुधारने लिए सपा सरकार कृतसंकल्प है। विद्यालयों में पठन-पाठन का माहौल बने इसके लिए बेसिक शिक्षकों को तीन साल के भीतर उनका तबादला इच्छित जनपदों में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि तबादलों और तैनाती में पारदर्शिता बरते जाने के लिए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए शासनादेश का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाएं सही ढंग से क्रियान्वित हों, इसके लिए लगातार प्रयास जारी है। उन्होंने मीडिया से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि वह सभी विद्यालयों में पढ़ाई कराने के लिए कृतसंकल्प हैं। प्रदेश के अध्यापक विद्यालयों में पढ़ाना चाहते हैं, सरकार उन्हें बेहतर माहौल देगी
News Source : Amar Ujala (24.11.12)

अगले साल आएगी नौकरियों की बहार



सैफई (इटावा) अप्र : मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने घोषणा की है कि अगले एक साल में सरकार डेढ़ लाख नौकरियां शिक्षकों और पुलिस कर्मियों की निकालेगी। साथ ही उन्होंने विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाडि़यों से वादा किया है कि शीघ्र ही उनका भोजन भत्ता बढ़ाया जाएगा। चंदगीराम स्टेडियम में चार दिनों से चल रहे 38वें महिला खेलों के समापन समारोह के अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने बेरोजगारी भत्ता देने का वादा पूरा कर दिया है, लेकिन भत्तों से युवा की तकदीर नहीं बदल सकती है। भत्ता तो केवल उसके लिए एक सहारा है। उन्हें नौकरी देकर ही हम बड़ी राहत दे सकते हैं। उन्होंने इशारों-इशारों में कहा कि अब भर्ती में मेरिट लानी होगी। नकल या सिफारिश काम नहीं आएगी। बीपीएड शिक्षकों द्वारा अपनी आवाज बुलंद करने पर वह बोले उनके लिए भी कोई निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि गुजरात, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के खिलाड़ी सुविधाएं मिलने से काफी आगे हैं। जबकि बिहार, उप्र के खिलाड़ी पिछड़े हुए हैं।

UPTET - शिक्षकों की भर्ती का प्रस्ताव स्थगित

For the candidates of UPTET 2011 waiting for Vishist BTC 'Wait' is all that government has to say in case of recruitment of 72825 trainee teachers for primary schools in Uttar Pradesh. Even after 1 year government has to yet decide the criteria for selection. Now many candidates are accusing  UP govt. that it is trying to delay the process for gaining momentum in 2014 elections.



Monday 19 November 2012

UPTET-दो माह में होगी सवा लाख शिक्षकों की नियुक्ति: बेसिक शिक्षा मंत्री


कानपुर, शिक्षा संवाददाता : बीएड, बीटीसी व टीईटी उत्तीर्ण बेरोजगारों के लिए यह अच्छी खबर होगी कि प्रदेश सरकार दो माह के भीतर सवा लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्तियां करने जा रही है। इसकी प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो जायेगी।

यह जानकारी बेसिक शिक्षा एवं बाल विकास पुष्टाहार मंत्री गोविंदराम चौधरी ने एक भेंट में दी। उन्होंने बताया कि नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार दिलाने के लिए कटिबद्ध प्रदेश सरकार ने स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने की मुहिम शुरू की है। इसके तहत स्थायी व अंशकालिक शिक्षकों को मिला कर सवा लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने बताया कि स्कूलों में शारीरिक शिक्षा आदि के अनुदेशकों की भर्ती में शिकायतें आ रहीं थीं इसलिए उन्हें रोक दिया गया। सवा लाख में उनकी संख्या भी शामिल होगी।

News Source : http://www.jagran.com/uttar-pradesh/kanpur-city-9856021.html

High Court Decision for UP Vishist BTC on 6/11/2012


HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD 

?Court No. - 38 

Case :- WRIT - A No. - 39674 of 2012 

Petitioner :- Akhilesh Tripathi & Others 
Respondent :- State Of U.P. & Others 
Petitioner Counsel :- Siddharth Khare,Ashok Khare 
Respondent Counsel :- C.S.C.,A.K. Yadav 

Hon'ble Arun Tandon,J. 
An affidavit has been filed by the Secretary, Basic Education Board U.P., Allahabad. Along with affidavit he has enclosed an order of the Central Government dated 10th September, 2012, whereby relaxation in respect of minimum qualification to be possessed by a teacher to be appointed in recognized institutions under the Right of Children to Free and Compulsory Education Act, 2009, which will includes the institutions run by the Basic Shiksha Parishad also, has been provided. Such relaxation has been directed to be applicable till 31st March, 2014. 
With reference to Rule 15 of the U.P. Right of Children to Free and Compulsory Education Rules, 2011 it is contended that no further amendment in the U.P. Basic Education (Teachers) Service Rules, 1981 (hereinafter referred to as Rules, 1981) is required and State is now under legal obligation to ensure that requisite number of qualified teachers are appointed in the Parishadiya Vidyalayas so as to make the right of children to free and compulsory education meaningful. Apex Court has held that under the Right of Children to Free and Compulsory Education Act, 2009 it is but necessary that requisite number of qualified teachers are appointed in the institutions covered by the Act. 
Since there are more than 72,000 existing vacancies in Parishadiya Vidyalayas throughout the State, it is necessary for the State to ensure that advertisements are published and qualified teachers are appointed. Every days delay in appointment of qualified teachers only adversely reflect upon the education in the institutions. 
The issue, as to whether any amendment in Rules, 1981 is required after such relaxation or not, may be examined by the Secretary, Basic Shiksha, U.P. Government, Lucknow at the first instance, and, in case such amendment is necessary, appropriate notification may be issued without any further delay. In any case the State Government must come out with an appropriate advertisement inviting applications for appointment of qualified teachers in accordance with the Right of Children to Free and Compulsory Education Act and the Rules framed by the State of U.P. read with Rules, 1981 on or before 07th December, 2012. 
Any advertisement so published shall not prejudice the right of the petitioners in the present petition. 
List on 07th December, 2012. 
Order Date :- 6.11.2012

UPTET-72000 शिक्षकों की सीधी भर्ती को मंजूरी


लखनऊ। प्रदेश में 72 हजार 825 प्रशिक्षु शिक्षकों की सीधी भर्ती के लिए अध्यापक सेवा नियमावली के संशोधन को न्याय व वित्त विभाग में मंजूरी दे दी है। कैबिनेट से मंजूरी के बाद इस नियमावली के आधार पर शिक्षकों की भर्तियां होंगी। राज्य सरकार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया दिसंबर में शुरू करना चाहती है, ताकि जॉइनिंग नए साल में दी जा सके।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद शिक्षकों के रखने की प्रक्रिया बदल दी गई है। परिषदीय स्कूलों में शिक्षक की भर्ती के लिए टीईटी पास होना अनिवार्य कर दिया गया है। प्रदेश में वर्ष 2010 से शिक्षकों की भर्ती की कवायद चल रही है, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते भर्तियां नहीं हो पा रही हैं। वर्ष 2011 में तत्कालीन बसपा सरकार ने शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट के आधार पर कराने का फैसला किया था। इसके चलते टीईटी में धांधली की शिकायत मिली और तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक को जेल तक जाना पड़ा।
प्रदेश में सत्ता बदलने के साथ अखिलेश सरकार ने शिक्षकों की भर्ती सीधे न कराकर पहले विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण देने का निर्णय किया।
इसके आधार पर जब सभी तैयारियां हो गईं, तो अचानक बेसिक शिक्षा मंत्री ने यह फैसला किया कि शिक्षकों की सीधी भर्ती की जाएगी। इसके लिए अब अध्यापक सेवा नियमावली में संशोधित करना पड़ेगा। इसके आधार पर ही बेसिक शिक्षा निदेशालय से मिले प्रस्ताव को न्याय व वित्त विभाग मंजूरी के लिए भेजा गया था, जहां से मंजूरी मिल गई है।

Saturday 17 November 2012

SSA के तहत होने वाली सवा लाख भर्तियां स्थगित



लखनऊ। सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) के तहत चालू वित्तीय वर्ष में सूबे में होने वाली 1,25, 000 से ज्यादा कर्मियों की भर्ती प्रक्रिया तत्काल स्थगित कर दी गई है।
भर्ती प्रक्रिया स्थगित किए जाने का निर्देश एसएसए के राज्य परियोजना निदेशक अतुल कुमार ने जारी कर दिया है। परियोजना निदेशक ने सूबे के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) लिखे पत्र में कहा है कि तत्काल प्रभाव से एसएसए के तहत शिक्षक, अनुदेशक, शारीरिक शिक्षक, कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में की जाने वाली भर्तियों के अलावा ब्लॉक रिसोर्स सेंटर के संचालन के लिए कम्प्यूटर सहायक और सहायक लेखाकार की भर्ती प्रक्रिया स्थगित की जाती है।
गौरतलब है कि सूबे में 41 हजार डिप्लोमा इन फिजिकल एजुकेशन (डीपीएड), बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन (बीपीएड) व सर्टिफिकेट ऑफ फिजिकल एजुकेशन (सीपीएड) डिग्री धाकर संविदा शिक्षक, 27 हजार जूनियर हाई स्कूलों में कराते शिक्षक (शारीरिक शिक्षक), कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में 28 हजार से अधिक स्टाफ, सभी 821 ब्लॉक में ब्लॉक रिसोर्स सेंटर के संचालन के लिए कम्प्यूटर सहायक और सहायक लेखाकार इसके अलावा नि:शक्त बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया प्रस्तावित है

Monday 12 November 2012

UP VBTC in December


VBTC Direct joining-Recruitment on District level


लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन दिसंबर में लिए जाने की तैयारी है। आवेदन ऑनलाइन जिलेवार लिए जाएंगे और मेरिट भी जिला स्तर पर बनाई जाएगी। बेसिक शिक्षा विभाग से भेजे गए प्रस्ताव पर शासन में काफी हद तक सहमति बन गई है। प्रस्ताव को वित्त और न्याय विभाग से मंजूरी लेने के लिए भेज दिया गया है। मंजूरी मिलने के बाद इसे कैबिनेट से पास कराया जाएगा।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में छात्र और शिक्षक का अनुपात बदल दिया गया है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने इसके आधार पर राज्यों को टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों को सीधे प्रशिक्षु शिक्षक के पद पर रखने की अनुमति दी है। यूपी में पहले बीएड डिग्रीधारकों को छह माह का विशिष्ट बीटीसी का प्रशिक्षण देकर शिक्षक बनाने पर सहमति बनी थी, लेकिन बाद में तय किया गया कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परषिद से मिली मंजूरी के आधार पर ही शिक्षकों की भर्ती की जाएगी।
बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने इसके आधार पर बेसिक शिक्षा निदेशालय से प्रस्ताव लेने का निर्देश दिया था। निदेशालय ने इसके आधार पर शासन को प्रस्ताव भेजा है। प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश अध्यापक सेवा नियमावली संशोधित की जाएगी। नियमावली के नियम-14 में शिक्षकों की सीधी भर्ती का प्रावधान किया जा रहा है। शिक्षकों की भर्ती मेरिट के आधार पर की जाएगी। इसके लिए हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक और बीएड के अंकों का गुणांक निकालते हुए मेरिट बनाई जाएगी। शासन स्तर पर हुई बैठक में यह सहमति बनी है कि दिसंबर के अंत तक शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाए।


News Source : Amar Ujala (12.11.12)

Thursday 8 November 2012

Selection on UPTET base



UPTET : टीईटी से भर्ती में फिर नजर आई 'रोशनी'

सहारनपुर : इस बार दीपावली उन लाखों टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा)अभ्यर्थियों के जीवन में 'उजाला' तो नहीं कर सकेगी जो एक वर्ष से नियुक्ति की आस संजोए बैठे थे, लेकिन एक झरोखे से 'रोशनी' की किरण उन्हें जरूर दे रही है। एक माह के भीतर विज्ञापन जारी करने के हाईकोर्ट के ताजा आदेश से उम्मीदों को पंख लग गए हैं।

टीईटी की मेरिट के आधार पर प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति। यह प्रावधान नवंबर-दिसंबर 2011 में जारी विज्ञापन में निर्धारित था। बता दें कि प्रदेश में टीईटी की प्राथमिक परीक्षा में 2.70 लाख से अधिक अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए थे। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पटनी में 800 पदों के सापेक्ष 1.15 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन पत्र भरे थे। फरवरी-2012 में घोटाला सामने आने के बाद तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन सहित कई लोग गिरफ्तार हुए थे और इसके बाद प्रक्रिया पर विराम लग गया था। इसी के साथ भर्ती के विज्ञापन के आधार को लेकर मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। प्रदेश सरकार द्वारा भर्ती प्रक्रिया का आधार बदले (टीईटी को केवल पात्रता रखने) जाने के बाद से पूरा मामला और पेचीदा हो गया। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी भर्ती प्रक्रिया में घोषित मेरिट के आधार पर ही नियुक्ति की मांग पर अड़े है। हाल ही में हाईकोर्ट द्वारा प्रदेश सरकार को एक माह के भीतर विज्ञापन जारी करने का आदेश दिया है इसके आधार पर 72 हजार 825 प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति की जानी है।

टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष संजय कुमार हाईकोर्ट के आदेश को बड़ी उपलब्धि मानते है। उनका कहना है कि एक वर्ष से जो अभ्यर्थी भर्ती प्रक्रिया को लेकर निराश हो चुके थे। आदेश के बाद अब उनमें नई चेतना जाग्रत हुई है। जिलाध्यक्ष का कहना है कि टीईटी की मेरिट से भर्ती करने की मांग को संगठन अपना संघर्ष जारी रखेगा। माना जा रहा है कि वर्ष-2013 का सवेरा टीईटी अभ्यर्थियों के जीवन में नया सवेरा लेकर आएगा।


News Source : Jagran (8.11.12) -http://www.jagran.com/uttar-pradesh/saharanpur-9833242.html

UPTET 2011 stats

If there is selection on the basis of UPTET marks (though negligible chances) and if you have got 60% or 90 marks or above in UPTET 2011 then there are good chances of your selection according to this news. For OBC, SC and ST candidates chances are their on even 55% or 83 marks for selection on the post of assistant Teacher in Primary schools of Uttar Pradesh.




Wednesday 7 November 2012

UPTET direct Recruitment


यूपी: टीईटी पास बीएड डिग्री धारक सीधे बनेंगे शिक्षक



सूबे में 72825 शिक्षकों की भर्ती का प्रस्ताव बेसिक शिक्षा निदेशालय ने शासन को भेज दिया है। इसके लिए उत्तर प्रदेश अध्यापक सेवा नियमावली के नियम 14 में शिक्षकों की सीधी भर्ती का प्रावधान किया गया है।

अब इसे कैबिनेट से मंजूरी के लिए भेजने की तैयारी है। राज्य सरकार चाहती है कि नियमावली को यथा शीघ्र संशोधित कर दिसंबर अंत तक प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती शुरू कर दी जाए।

शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने सभी राज्यों को टीईटी पास बीएड डिग्री धारकों को प्राइमरी स्कूलों में सीधे सहायक अध्यापक पद पर रखने की अनुमति दी थी। यूपी में 31 मार्च 2014 तक टीईटी पास डिग्री धारकों को प्राइमरी स्कूलों में सीधे सहायक अध्यापक के पद पर रखने जाने की योजना है।

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने पूर्व में तय किया था कि टीईटी पास बीएड डिग्री धारकों छह माह का विशिष्ट बीटीसी की ट्रेनिंग देकर सहायक अध्यापक नियुक्ति किया जाएगा लेकिन एक नवंबर को बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोबिंद चौधरी ने शिक्षा अधिकारियों की बैठक में यह तय किया था कि बीएड पास अभ्यर्थियों को विशिष्ट बीटीसी की ट्रेनिंग न देकर सीधे टीईटी पास बीएड डिग्री धारकों प्राइमरी स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षक के पद नियुक्ति दी जाएगी।

इसके आधार पर बेसिक शिक्षा निदेशालय से प्रस्ताव मांगा गया था। इसमें शिक्षकों का चयन जिलेवार मेरिट के आधार पर किया जाएगा। मेरिट हाई स्कूल, इंटर, स्नातक और बीएड के आधार पर बनाई जाएगी। आवेदन जिलेवार ऑनलाइन लिए जाएंगे।

आवेदन के लिए अभ्यर्थियों को ऐच्छिक छूट होगी। प्रशिक्षु शिक्षकों को सेवाकाल के दौरान छह महीने की ट्रेनिंग प्राप्त करनी होगी। इस अवधि में उन्हें 7300 रुपये निर्धारित मानदेय दिया जाएगा और ट्रेनिंग पूरी करने के बाद सहायक अध्यापक वेतनमान दिया जाएगा।
Source : Amar Ujala 8/11/12

SBTC Court Decision


High Court Decision On 06/11/2012


इलाहाबाद (ब्यूरो)। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में टीईटी उत्तीर्ण 72,825 सहायक अध्यापकों की भर्ती का विज्ञापन जारी करने की हाईकोर्ट ने सात दिसंबर की समय सीमा तय कर दी है। न्यायालय ने प्रदेश सरकार को छूट दी है कि इस दौरान यदि वह बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली मे संशोधन करना चाहते हैं तो कर सकते हैं।
न्यायालय ने प्रदेश सरकार द्वारा नित नए बहाने बनाकर विज्ञापन जारी करने में विलंब करने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि शिक्षा के मौलिक अधिकार कानून का पालन करने के लिए आवश्यक है कि विद्यालयों में योग्य शिक्षकों की नियुक्ति बिना देरी किए की जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टंडन ने टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी अखिलेश त्रिपाठी और दर्जनों अन्य याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए दिया। प्रदेश सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सीबी यादव ने कोर्ट को अवगत कराया कि केंद्र सरकार ने सहायक अध्यापकों के चयन व नियुक्ति के लिए तय समय सीमा 2014 तक बढ़ा दी है। अब सरकार बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली 1981 में और संशोधन करना चाहती है ताकि छह माह का प्रशिक्षण देने के बजाए सीधे नियुक्ति की जा सके। न्यायालय ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा देने के लिए आवश्यक है कि योग्य शिक्षकों की भर्ती की जाए। न्यायालय ने बेसिक शिक्षा सचिव को निर्देश दिया है कि वह यदि कोई संशोधन करना चाहते हैं तो उसे करके सात दिसंबर तक विज्ञापन जारी कर दें। उल्लेखनीय है कि सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए मायावती सरकार ने दिसंबर 2011 को विज्ञापन जारी किया था, जिसे इस आधार पर चुनौती दी गई कि विज्ञापन बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी किया जबकि इसे बेसिक शिक्षा अधिकारियों द्वारा जारी किया जाना चाहिए था। न्यायालय ने इस पर नियुक्ति पर रोक लगा दी थी। बाद में सपा सरकार ने पूर्व का विज्ञापन रद करते हुए शीघ्र नया विज्ञापन जारी करने की घोषणा की है।
Source Amar Ujala
7-11-2012

Tuesday 6 November 2012

BTC SBTC in Junior School


B. Ed / BTC/VBTC : जूनियर हाईस्कूलों में नहीं रहेगा विज्ञान-गणित के शिक्षकों का टोटा



संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : बेसिक शिक्षा परिषद के जूनियर हाईस्कूलों में गणित और विज्ञान के शिक्षकों टोटा नहीं रहेगा। स्कूलों में अध्यापकों की बंपर नियुक्ति होने वाली है। शासन ने सात वर्ष से रुके अध्यापकों की पदोन्नति को हरी झंडी दे दी है। तकरीबन 1200 सहायक अध्यापकों की वरिष्ठता सूची जारी की गई है। इसके आधार पर शिक्षकों को प्रमोशन दिया जाएगा। गणित व विज्ञान के अध्यापकों को जूनियर हाईस्कूल में नियुक्ति को वरीयता प्रदान की जाएगी।

जनपद के बेसिक स्कूलों में रिक्तियों के आधार पर वरिष्ठता सूची में शामिल प्राइमरी स्कूल के अध्यापकों का प्रमोशन होना है। सहायक अध्यापक पदोन्नति के बाद प्राथमिक विद्यालय के हेड मास्टर और जूनियर हाईस्कूल (उच्च प्राथमिक विद्यालय) के सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त किए जाएंगे। जिले के जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षकों का टोटा है। करीब दौ सौ स्कूलों के सापेक्ष मात्र 52 अध्यापक ही हैं। इसमें गणित व विज्ञान पढ़ाने वाले मात्र एक दर्जन शिक्षक कार्यरत हैं। शेष विद्यालयों में पढ़ाई भगवान भरोसे ही है। शासन से मिली वरिष्ठता सूची में गणिव-विज्ञान के शिक्षकों की सूची तैयार की जा रही है। उनकी तैनाती जूनियर हाईस्कूलों में होगी, जबकि अन्य विषयों के अध्यापक प्राथमिक विद्यालय के हेडमास्टर बनेंगे।

बता दें कि जनपद के सहायक अध्यापकों की पिछले सात वर्षो से पदोन्नति लटकी हुई है। वर्ष 2004 से प्रमोशन का मामला उच्च न्यायालय के विचाराधीन था। उच्च न्यायालय ने विभागीय उच्चाधिकारियों को पदोन्नति के आदेश दिया था। इसके बाद बेसिक शिक्षा निदेशक ने जिले से शिक्षकों की सूची तलब की थी। अब शासन ने जिले को वरिष्ठता सूची सौंप कर पदोन्नति के निर्देश दिए हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार का कहना है कि सूची प्राप्त हो गई है। वरिष्ठता क्रम में अध्यापकों को प्रमोशन दिया जाएगा। उनकी तैनाती के लिए क्लक्ट्रेट सभागार में काउंसलिंग की जाएगी। इसकी तिथि जल्द ही घोषित कर दी जाएगी। दिवाली बार प्रक्रिया पूरी करने की उम्मीद है

High Court Judgement for SBTC


प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती करे यूपी सरकार: हाईकोर्ट


इलाहाबाद. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को प्रदेश में 72825 प्राथमिक शिक्षकों के पदों के लिए 7 दिसम्बर तक विज्ञापन जारी कर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है। कोर्ट में याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि सरकार इस मामले को 2014 चुनाव तक ले जाकर इसका चुनावी लाभ लेने की फ़िराक में है।
 
गौरतलब है की इसके पहले मायावती सरकार इन पदों के लिए विज्ञापन निकाल कर भर्ती की प्रक्रिया शुरू की थी लेकिन सरकार बदलने के बाद से भर्ती की प्रक्रिया खटाई में पड़ गयी। मायावती सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा कराके 30 नवम्बर 2011 को 72825 प्राथमिक शिक्षकों के पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था लेकिन मामला कोर्ट में पहुँचने के चलते भर्ती  पूरी नहीं हो पायी।

Source - Bhaskar
6-11-2012

New Education Policy


New National Education Policy


बीस साल बाद फिर बनेगी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति

राजकेश्वर सिंह, नई दिल्ली

बीस साल बाद देश की शिक्षा नीति फिर बदलेगी। ‘नॉलेज इकोनॉमी’ में भारत को विश्व हब बनाने का सपना देख रही सरकार अब नई चुनौतियों के मद्देनजर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाएगी। सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तेजी से हो रहे बदलावों के मद्देनजर नई शिक्षा नीति दुनिया के एक्सीलेंस के मापदंडों के लिहाज से होगी।

देश की नई शिक्षा नीति कैसी हो? उसकी दशा और दिशा तय करने के लिए सरकार ने शिक्षा आयोग का गठन कर दिया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में बीते दिनों हुए फेरबदल में मानव संसाधन विकास मंत्रलय का प्रभार कपिल सिब्बल से भले ही छिन गया हो, लेकिन फेरबदल से पहले इस आयोग के गठन पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मुहर लगवाने में वह कामयाब रहे। नेशनल रिसर्च प्रोफेसर आंद्रे ब्रेते 15 सदस्यीय इस आयोग के चेयरमैन होंगे। आयोग दो साल के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को देगा। इससे पहले 1966, 1986 और 1992 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बदलाव किया गया था। सूत्रों के मुताबिक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति कई बदलावों को अंजाम देगी। मौजूदा जरूरतों और वैश्विक चुनौतियों के लिहाज से शिक्षा नीति बनाने के क्रम में समावेशी के साथ ही गुणवत्ता में तेजी से सुधार के उपायों पर फोकस होगा। आयोग अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े, अल्पसंख्यकों और लड़कियों की शिक्षा की रफ्तार बढ़ाने की राह भी सुझाएगा।

इतना ही नहीं, विकेंद्रीकरण के मद्देजर संवैधानिक प्रावधानों के तहत प्राइमरी, माध्यमिक, व्यावसायिक शिक्षा और साक्षरता केंद्रों को चलाने में शहरी निकायों व पंचायती राज संस्थाओं की भूमिका फिर से तय की जाएगी। नैतिक व संवैधानिक मूल्य शिक्षा का अभिन्न हिस्सा कैसे बने? आयोग उसका उपाय तो सुझाएगा ही, साथ ही उच्च शिक्षा में जवाबदेही के साथ स्वायत्तता को बढ़ावा देने के नीतिगत व वैधानिक रास्ते भी बताएगा। विश्वविद्यालयों से कॉलेजों की संबद्धता के पुराने ढांचे में बदलाव भी होगा। नई नीति में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कामगारों को रोजगार पर खास फोकस के मद्देनजर स्कूली शिक्षा को उच्च शिक्षा से जोड़ने, प्रोफेशनल एजुकेशन, वोकेशनल (व्यावसायिक) शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट और विश्वविद्यालयी शिक्षा में तारतम्य स्थापित करने पर जोर होगा।

Source - Jagran
6-11-2012

Monday 5 November 2012

Wait for VBTC

So here is the reason for delay in Vishist BTC

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