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Tuesday 27 November 2012

CBSE-नौवीं के अंक दसवीं में दिलाएंगे फायदा



रोहित मिश्र, लखनऊ केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के कक्षा नौ व 11 के विद्यार्थियों को परंपरागत बोर्ड परीक्षा के अतिरिक्त इस साल Problem Solving Assessment (PSA) की परीक्षा देनी होगी। परीक्षा 14 फरवरी को होगी। नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों को इसका लाभ दसवीं में मिलेगा। इसमें मिले अंक दसवीं में जुड़ेंगे। रट कर परीक्षा देने वालों के लिए सीबीएसई में मुश्किलें अब और बढ़ गई हैं। विषयों की तह में जाकर पाठ्यक्रम के गुणात्मक मूल्यांकन की प्रक्रिया सीबीएसई ने लागू कर दी है। इस साल जहां कक्षा दस और बारह के विद्यार्थियों के लिए वेल्यू बेस्ड एसेसमेंट लागू किया गया है, वहीं कक्षा नौ और 11 के विद्यार्थियों के लिए प्रॉब्लम सॉल्विंग एसेसमेंट लागू किया गया है। कक्षा 11 के लिए गणित और विज्ञान के अतिरिक्त हिंदी या अंग्रेजी विषयों की परीक्षा होगी। कक्षा नौ के विद्यार्थियों को सभी विषयों के लिए पीएसए देना होगा। वैकल्पिक प्रश्न होंगे : सीबीएसई के जिला समन्वयक जावेद आलम ने बताया कि परीक्षाओं में 90 अंक के लिए विद्यार्थियों को साठ वैकल्पिक प्रश्नों के उत्तर देने होंगे। इसमें क्वालिटेटिव रीजनिंग (गणित और विज्ञान) से 18 प्रश्न, क्वांटेटिव रीजनिंग (कला वर्ग के विषयों) से 18 प्रश्न और भाषा के विषयों से 24 प्रश्न होंगे। नहीं होगा पंजीकरण : पीएसए की परीक्षाओं के लिए विद्यार्थियों को कोई पंजीकरण नहीं कराना होगा। यह इम्तिहान कक्षा नौ और 11 के सभी विद्यार्थियों को देना होगा। प्रश्नपत्र और उत्तर के लिए ओएमआर शीट बोर्ड द्वारा विद्यालयों को उपलब्ध कराई जाएगी। एफए-4 में दिखाई देंगे अंक : नौवीं कक्षा में पीएसए के तहत मिले अंक दसवीं के अंकपत्र में एफए-4 (फॉर्मेटिव एसेसमेंट-4) में दिखाए जाएंगे। वहीं 11वीं के विद्यार्थियों को पीएसए में मिले अंकों के लिए प्रमाणपत्र दिया जाएगा

CBSE Board की आंसरशीट की होगी डिजिटल जांच


•रश्मि शर्मा
नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) वर्ष 2013 में होने वाली परीक्षाओं में कंप्यूटर से उत्तर पुस्तिका की ऑनस्क्रीन मार्किंग की योजना शुरू करने जा रहा है। पहले चरण में दसवीं की परीक्षा से इसकी शुरुआत होगी। 2014 में बारहवीं की परीक्षाओं की कॉपी की भी डिजिटल तरीके से जांची जाएगी। सीबीएसई की इस योजना से कॉपी जांचने के काम में पारदर्शिता आएगी और समय की बचत भी होगी। सीबीएसई इसके लिए बाहरी एजेंसी की मदद लेगा।
कंप्यूटर आधारित स्कैनिंग और आंसरशीट की ऑन स्क्रीन मार्किंग से जहां उत्तर पुस्तिकाओं का डिजिटल भंडारण किया जा सकेगा, वहीं पुनर्मूल्यांकन करवाने वाले छात्रों को भी संतुष्ट किया जा सकेगा। इससे सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का पालन भी हो जाएगा, जिसमें कोर्ट ने आरटीआई के तहत छात्रों को आंसरशीट दिखाना अनिवार्य किया है। सीबीएसई की सोच है कि कंप्यूटर से आंसरशीट की मार्किंग होने से न केवल रिजल्ट जल्दी आएगा, बल्कि पारदर्शिता भी बनी रहेगी।
कैसे होगी ऑन स्क्रीन मार्किंग
ऑन स्क्रीन मार्किंग के लिए कंप्यूटर पर आंसरशीट उपलब्ध होगी। उत्तर पुस्तिकाओं को स्कैन करके एक सेंट्रल सर्वर में एकत्र किया जाएगा। फिर इन्हें केंद्रों पर चेक होने के लिए भेजा जाएगा। इन्हें शिक्षक कंप्यूटर पर ही जांचेंगे। इसमें अंक भी डिजिटल तरीके से दिए जाएंगे। लिहाजा कंप्यूटर गलत अंक लेगा ही नहीं। जिस सवाल के लिए जो अंक निर्धारित किए गए हैं गलती से भी उससे ज्यादा अंक नहीं दिए जा सकेंगे।